कचरे से बन सकती हैं कई तरह की उपयोगी वस्तुएं : वैभवी कौशिक

 


धर्मशाला, 01 अक्टूबर (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला में मंगलवार को ‘वेस्ट टू वेल्थ’ विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय के अंग्रेजी, हिन्दी, संस्कृत, पंजाबी एवं डोगरी, शिक्षा, नव मीडिया एवं जनसंचार विभाग के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित इस कार्यशाला में पालमपुर के समीप अंदरेटा की रहने वाली वैभवी कौशिक (समाज सुधारक) बतौर मुख्यवक्ता रही। वहीं विजय कौशिक विशिष्ट अतिथि व हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता अकादमिक प्रो. प्रदीप कुमार बतौर कार्यक्रम अध्यक्ष मौजूद रहे।

कार्यक्रम कि मुख्य वक्ता वैभवी कौशिक ने विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागाध्यक्षों, छात्रों को कचरे व कबाड़ से जुगाड़ बनाने हेतु एक विजुअल प्रेजेंटेशन के माध्यम से संबोधित किया।

उन्होंने छात्रों को हिमाचल में कचरा प्रबंधन कर रही हिमाचल की दो प्रमुख संस्थाओं ‘द वेस्ट वारियर’ व ‘हीलिंग हिमालया’ के बारे में बताया व समाज के अंदर उनके द्वारा किए गए कार्यों की सराहना करते हुए छात्रों को अवगत करवाया। उन्होंने बताया कि हम किस प्रकार से कचरे से विभिन्न वस्तुएं बना सकते हैं। यह कचरा हमारे लिए सोने जैसा है यदि हम इसका पूर्ण रूप से सही इस्तेमाल करें।

उन्होंने कुछ चलचित्रों के माध्यम से छात्रों को प्रेरित करते हुए बताया कि हमारे द्वारा फैंके गए कचरे व प्लास्टिक की वस्तुओं से वर्तमान समय में बहुत सी उपयोगी वस्तुएं बनाई जा रही हैं, जैसे कि ईंट, ईंधन, इंक, पुराने फूलों से अगरबत्ती बनाना आदि। उन्होंने वस्तुओं के रीयूज द रीसाइकल पर जोर देते हुए कचरा नियोजन व प्रबंधन हेतु सभी से आग्रह किया।

कार्यक्रम में विशिष्ट रूप से मौजूद विजय कौशिक ने छात्रों से उनके मन में चल रहे सवालों को जाना व उनके उत्तर दिए। उन्होंने छात्रों से कचरा प्रबंधन पर सुझाव भी मांगे।

कार्यक्रम अध्यक्ष प्रो. प्रदीप कुमार ने अपने सम्बोधन में अपने बचपन को याद करते हुए बताया कि जिस प्रकार बचपन में अधिकतर बच्चे प्लास्टिक व पॉलिथीन की गेंद बनाकर खेलते थे वो भी एक प्रकार से कचरा प्रबंधन का हिस्सा है। इस कार्यक्रम में केंद्रीय विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के शिक्षकों, शोधार्थियों व छात्रों ने भाग लिया।

हिन्दुस्थान समाचार / सतिंदर धलारिया