साझा प्रयास से ही आपदा प्रबंधन को बनाया जा सकता है प्रभावी : राधिका सैनी
धर्मशाला, 28 अप्रैल (हि.स.)।
तहसीलदार नूरपुर राधिका सैनी ने कहा कि आपदा-प्रतिरोधी नूरपुर का निर्माण हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि सभी एजेंसियों और समुदायों के साझा प्रयास से ही आपदा प्रबंधन को प्रभावी बनाया जा सकता है। उन्होंने यह बात सोमवार को उपमंडलीय आपदा प्रबंधन अंतर-एजेंसी समूह के गठन के उद्देश्य से आयोजित एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। बैठक का संचालन जिला अंतर-एजेंसी समूह कांगड़ा के संयोजक हरजीत भुल्लर ने किया।
बैठक में उपमंडल स्तर के विभिन्न विभागों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक का मुख्य उद्देश्य आपदा जोखिम न्यूनीकरण को प्रभावी बनाना, बहु-एजेंसी समन्वय को सुदृढ़ करना तथा समुदाय आधारित तैयारियों को बढ़ावा देना रहा।
बैठक में उपमंडलीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण समन्वय केंद्र की स्थापना, पंचायत स्तर पर आपातकालीन प्रतिक्रिया केंद्र तथा पंचायत आपदा प्रबंधन समितियों के गठन पर चर्चा की गई, ताकि आपातकालीन परिस्थितियों में शीघ्र और समुचित प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जा सके। इसके साथ ही, भूकंप जैसी आपदाओं के जोखिम को कम करने हेतु शहरी एवंK ग्रामीण क्षेत्रों में संरचनात्मक सुरक्षा तथा लचीले निर्माण को बढ़ावा देने के लिए विशेष अभियान चलाने पर भी बल दिया गया।
बैठक में संस्थागत और घरेलू स्तर पर आपदा प्रबंधन योजनाओं के विकास पर भी जोर दिया गया। प्राथमिक आपदा जोखिम न्यूनीकरण पहचानों को चिन्हित कर उनके कार्यान्वयन की रूपरेखा तैयार की जाएगी, जिसे अक्टूबर 2025 से मार्च 2026 के बीच लागू किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, सामुदायिक आधारित स्वयंसेवकों जैसे आपदा मित्र, आपदा वीर, सेहत सेवक, वरिष्ठ मंडल और महिला स्वयं सहायता समूहों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने पर भी बल दिया गया। महाविद्यालयों में 'कॉलेज आपातकालीन प्रतिक्रिया केंद्र' तथा स्कूल क्लस्टरों की स्थापना के माध्यम से छात्रों और शिक्षकों को आपदा प्रबंधन से जोड़ने की योजना भी बनाई गई।
हिन्दुस्थान समाचार / सतिंदर धलारिया