धर्मशाला में सियासी उबाल, सुधीर शर्मा का पुतला फूंकने को लेकर हुआ हंगामा, दो गुटों में हाथापाई
धर्मशाला, 29 फरवरी (हि.स.)। प्रदेश में हुए हाल के राजनीतिक घटनाक्रम के बाद वीरवार को प्रदेश की दूसरी राजधानी धर्मशाला में सियासी उबाल का माहौल रहा। राज्य सभा चुनाव में क्राॅस वोटिंग करने वाले कांगे्रस के छह विधायकों में से एक सुधीर शर्मा को लेकर धर्मशाला में राजनीतिक पारा काफी गर्म रहा। पूर्व में विधानसभा का उपचुनाव लड़ चुके विजयकर्ण के नेतृत्व में सुधीर शर्मा के विरोध में धर्मशाला के कचहरी चैक में कांगे्रस पार्टी का मुख्यमंत्री सुक्खू सर्मथक एक गुट उनका पुतला फूंकने के लिए जैसे ही पंहुचा वहीं सुधीर शर्मा के समर्थक भी वहां पंहुच गए। इस दौरान दोनों गुटों की ओर नारेबाजी शुरू हो गई।
सुधीर शर्मा के समर्थक जहां उनके खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे वहीं दूसरा गुट सुधीर शर्मा के खिलाफ नारेबाजी कर रहा था। दोनों तरफ से जोरदार नारेबाजी के बीच कुछ देर के लिए माहौल इतना तनावपूर्ण हो गया कि उनके बीच हाथापाई भी हो गई। हालांकि मौके पर मौजूद पुलिस बल ने दोनों गुटों को बड़ी मशक्कत से अलग करवाया। इसके बावजूद कचहरी चैक में करीब आधा घंटे से अधिक समय तक दोनों ओर से नारेबाजी होती रही।
इस बीच दूसरे गुट ने सुधीर शर्मा का पुतला जलाने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने पुतले को समय रहते छुड़ा लिया। इसके बाद में भी काफी देर तक माहौल तनावपूर्ण बना रहा। हांलाकि पुलिस ने गहमागहमी वाले माहौल को ज्यादा बिगड़ने नही दिया और बाद में दोनों गुट वहां से चल दिए।
इस दौरान कांगे्रस नेता विजयकर्ण ने कहा कि वह शांतिपूर्ण तरीके स पार्टी के साथ गद्दारी करने वाले नेताओं को पुतला फूंकने के लिए कचहरी चैक पर पंहुचे थे लेकिन सुधीर शर्मा के समर्थक जोकि पार्टी के कार्यकर्ता भी नही हैं, यहां आकर माहौल को बिगाड़ने का काम किया।
उन्होंने आरोप लगाया कि जब से सुधीर शर्मा धर्मशाला आए हैं, यहां गुडांराज बढ़ा है। उन्होंने कहा कि सुधीर शर्मा ने धर्मशाला की जनता के साथ धोखा किया है। जिस जनता ने उन्हें यहां से कांग्रेस पार्टी के टिकट पर दो बार जीताकर विधानसभा भेजा उसी जनता और पार्टी के साथ उन्होंने गद्दारी कर भाजपा का साथ दिया है। उन्होंने कहा कि ऐसे नेता को धर्मशाला की जनता कभी माफ नही करेगी।
वहीं दूसरी ओर सुधीर शर्मा के समर्थकों ने अपने नेता का पक्ष लेते हुए कहा कि उनके साथ पार्टी ने भेदभाव किया है। जो पद और सम्मान उन्हें मिलना चाहिए था वह नही दिया गया जिस कारण वह काफी घुटन में थे। उन्होंने जो भी फैसला लिया है हम उनके साथ खड़े हैं। उन्होंने दूसरे गुट पर माहौल खराब करने का भी आरोप लगाया।
हिन्दुस्थान समाचार/सतेंद्र
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