सुक्खू राज में आर्थिक आपातकाल के दौर में पंहुचा हिमाचल : भाजपा
धर्मशाला, 13 जनवरी (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संजय शर्मा ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर एक वर्ष के भीतर व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर हिमाचल को कंगाल करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश आर्थिक आपातकाल के दौर में पहुंच गया है।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू जो श्वेत पत्र भाजपा के शासनकाल का लेकर आए थे आज आवश्यकता है कि मुख्यमंत्री को उनके एक वर्ष के शासन का आर्थिक श्वेत पत्र जनता के समक्ष रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस पार्टी द्वारा घोषित 10 गारंटीयों को छोड़ भी दिया जाए तब भी प्रदेश कंगाली की स्थिति में पहुंच गया है और सरकार के पास कर्मचारियों को देने के लिए आने वाले समय में मासिक वेतन देने की भी हालत नहीं है और इसका उदाहरण बिजली बोर्ड के कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिलना है। जबकि कर्मचारियों का डीए और एरियर का भुगतान लंबे समय से देय पड़ा हुआ है। आसार ऐसे बन रहे हैं कि बहुत जल्दी अन्य विभागों को भी मासिक वेतन देने में सरकार को दिक्कत आ सकती है ।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश में केवल केंद्र प्रायोजित योजनाओं के ऊपर ही कार्य हो रहा है जबकि प्रदेश प्रायोजित सभी विकास के कार्य ठप्प पड़े हैं। यहां तक की राज्य की सड़कों की बरसात के कारण खराब हुई हालत को भी सुधारा नहीं जा रहा है।
आर्थिक बदहाली का अनुमान यही से लगाया जा सकता है कि सड़क शिक्षा और स्वास्थ्य तीन बुनियादी आधार पहाड़ी राज्यों की मूलभूत समस्याएं हैं और सरकार ना तो सड़क को ठीक से चला पा रही है ना शिक्षा और ना ही स्वास्थ्य क्षेत्र को।
उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार द्वारा शुरू की गई स्वास्थ्य योजनाओं को सरकार आगे नहीं बढ़ा पा रही है। प्रदेश में 200 करोड़ से अधिक की देनदारी हिम केयर योजना के अंतर्गत निजी व सरकारी अस्पतालों को सरकार की तरफ से देने को लंबित पड़ी है। बीते दिनों सरकार द्वारा निर्धारित क्रसा लैबोरेट्रीज को मरीज के विभिन्न टेस्ट हेतु चयनित किया हुआ था परंतु 50 करोड़ से अधिक देनदारी सरकार की तरफ से उनको नहीं दी जा सकी और उसे कंपनी ने बिना भुगतान के आगे की सेवाएं देने से मना कर दिया। प्रदेश का गरीब आदमी जिसको पूर्व प्रदेश सरकार द्वारा दी गई विभिन्न योजनाओं से लाभ मिल रहा था सब की सब ठप पड़ी है और आमजन दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार विपक्ष से सहयोग की अपेक्षा तो करती है परंतु मुख्यमंत्री अपनी तरफ से कोई ऐसा संदेश नहीं दे रहे जिससे कि लगे की प्रदेश की आर्थिक स्थिति के लिए मुख्यमंत्री गंभीर हैं और मितव्ययिता की तरफ कोई कदम उठा रहे हैं। मुख्यमंत्री मंत्रियों और संसदीय सचिवों की और अपने सलाहकारों की फौज को नित नए ऐलान करते हैं उनको तरह-तरह की सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध दिखते हैं।
पिछले 13 महीने के शासन में कोई भी एक ऐसा कदम मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश के आर्थिक हालात के ऊपर उठाया गया हो वह नहीं दिखता है। जबकि सरकार द्वारा 10 गारंटीयो के ऊपर काम करना अभी बाकी है। 12 महीने के शासनकाल में 12 हजार करोड़ से अधिक ऋण लिया गया है और 13वें महीने में भी 1500 करोड़ ऋण लेने की तैयारी है।
डिपूओं में अनाज महंगा हो रहा है, डीजल पेट्रोल पर वेट बढ़ाया जा रहा है। अन्य कई कर प्रदेश की जनता के ऊपर लादे जा रहे हैं । मुख्यमंत्री हेलीकॉप्टर में उड़ रहे हैं और और प्रदेश की जनता जमीन पर धक्के खा रही है।
हिन्दुस्थान समाचार/सतेंद्र /उज्जवल