बागी विधायकों को भाजपा में शामिल करने पर बगावत के सुर, राकेश चौधरी ने दिया अपने पदों से इस्तीफा
धर्मशाला, 27 मार्च (हि.स.)। कांग्रेस के छह बागी विधायकों को भाजपा में शामिल किए जाने के बाद पार्टी में बगावत के सुर उठने लगे हैं। पिछले लंबे समय से पार्टी के लिए काम करने वाले कार्यकर्ताओं में इस एपिसोड के बाद रोष भी देखने को मिल रहा है। कई जगह पार्टी नेता व कार्यकर्ता अपने पदों से इस्तीफे देकर अपना विरोध जता रहे हैं तो कई जगह मीडिया व सोशल मीडिया के माध्यम से पार्टी नेता अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। प्रदेश की दूसरी राजधानी धर्मशाला में भी कुछ ऐसे ही हालात बने हैं।
सुधीर शर्मा को भाजपा में शामिल किए जाने के विरोध में पिछले विधानसभा चुनावों में भाजपा से प्रत्याशी रहे राकेश चौधरी ने बुधवार को पार्टी की सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा देकर उपचुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। हालांकि अभी उन्होंने यह सपष्ट नही किया कि वह आजाद चुनाव लड़ेंगे या फिर किसी दल से चुनावी मैदान में उतरेंगे।
राकेश चौधरी का आरोप है कि उन्होंने पार्टी के लिए दिन-रात काम किया, लेकिन पार्टी ने न केवल उनके साथ बल्कि धर्मशाला के उन कार्यकर्ताओं के साथ भी धोखा किया है, जो भाजपा के लिए काम कर रहे थे। इसलिए वह ऐसी पार्टी में नहीं रह सकते जो सिर्फ कुर्सी पाने के लिए किसी की भी भावनाओं से खिलवाड़ करती है। उन्होंने कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए सुधीर शर्मा पर तंज कसते हुए कहा कि अगर सुधीर शर्मा को मंत्री पद मिल जाता तो सब कुछ ठीक था, तब कांग्रेस भी ठीक थी और सीएम भी अच्छे थे, लेकिन जब कुछ नहीं मिला तो कांग्रेस भी बुरी और सीएम भी बुरे हो गए।
राकेश चैधरी ने कहा कि भाजपा ने धर्मशाला की जनता के साथ धोखा किया है, जिसका जवाब लोग उपचुनाव में जरूर देंगे। उन्होंने कहा कि अभी फिलहाल सभी कार्यकर्ताओं से सलाह मशविरा किया जाएगा और उसके बाद अगर कार्यकर्ता आजाद चुनाव लड़ने का आशीर्वाद देंगे तो वह तैयार हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अगर उन्हें कांग्रेस पार्टी की ओर से चुनाव लड़ने का ऑफर आता है तो वह कार्यकर्ताओं से सलाह मशविरा करके आगे बढ़ेंगे।
उधर इस दौरान योल में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में मौजूद लोगों ने कहा कि वह भाजपा नेता विपिन परमार का घेराव करेंगे और पूछेंगे कि उनका क्या कसूर रहा, जो उन्होंने दूसरी पार्टी के एक बाहरी व्यक्ति को भाजपा में शामिल कर लिया।
गौरतलब है कि सुधीर शर्मा को भाजपा में शामिल किए जाने को लेकर अंदरखाते पुराने और कर्मठ नेता काफी नाराज हैं। हालांकि अधिकांश नेता अपनी नाराजगी सार्वजनिक तौर पर बयां नही कर पा रहे हैं लेकिन जिस तरह से पार्टी के भीतर कांग्रेस विधायकों को पार्टी में मान सम्मान दिया जा रहा है उससे वह काफी नाराज हैं। इसी तरह के हालात सभी छह विधानसभा क्षेत्रों में देखने को मिल रहे हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/सतेंद्र
/सुनील