विद्यार्थी परिषद की बैठक में शिक्षा क्षेत्र से जुड़े मुद्दे पर चर्चा के बाद बनी आंदोलन की रणनीति
धर्मशाला, 29 अगस्त (हि.स.)। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की प्रदेश कार्यकारिणी की तीन दिवसीय बैठक हाल ही में जवालामुखी में सम्पन्न हुई। बीते 23, 24 और 25 अगस्त को सम्पन्न हुई इस बैठक में खासकर प्रदेश विश्वविद्यालयों में हो रही राजनीतिक दखलंदाजी को लेकर विशेष रूप से चर्चा कर आगामी रणनीति तैयार की गई। संगठन द्वारा बैठक में अगले एक वर्ष की रूपरेखा भी तैयार की गई। विद्यार्थी परिषद की इस प्रदेश स्तरीय बैठक में पूरे प्रदेश से कुल 102 कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।
संगठन के ऊना विभाग के संयोजक पुष्पराज ने बताया कि इस बार यह बैठक संगठनात्मक जिला देहरा के अंतर्गत श्री ज्वाला जी में होनी तय हुई थी, जिसमें प्रदेश भर से 102 कार्यकर्ताओं नें भाग लिया। इस बैठक में अगले एक वर्ष की पूरी योजना बनाई गई और प्रदेश के विभिन्न मुद्दों पर बैठक में चर्चा हुई। विद्यार्थी संगठन होने के नाते शिक्षा क्षेत्र से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विद्यार्थी परिषद ने चर्चा कर आगामी रणनीति तैयार की।
बैठक में सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी का दायरा कम करना व शैक्षणिक संस्थानों में स्थायी शिक्षक और गैर शिक्षकों की नियुक्तियां, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में अभी तक स्थाई कुलपति की नियुक्ति प्रदेश सरकार नहीं करवा पा रही है। परीक्षा परिणाम में अनेकों अनियमितताएं निरंतर सामने आ रही है। प्रदेश के अंदर छात्र संघ चुनाव काफी लंबे समय से बंद हैं। प्रदेश के अंदर आज भी ऐसे शिक्षण संस्थान है जो आज भी मूलभूत सुविधाओं और अपने भवन निर्माण के लिए जूझ रहे है। टूरिज्म विलेज के नाम पर वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा कृषि विश्वविद्यालय की 120 हेक्टेयर भूमी को हड़पने का प्रयास किया जा रहा है जो कतई भी विश्वविद्यालय के हित में नही है। वर्तमान सरकार निरंतर छात्र विरोधी निर्णय लेने से बाज नहीं आ रही है, इन सभी मुद्दों को लेकर विद्यार्थी परिषद ने आंदोलन की पूरी रूप रेखा तैयार की है।
उन्होंने बताया कि इन्ही मुद्दों के साथ संगठन जल्द आंदोलन पूरे प्रदेश में करने वाला है। इस बैठक में विषेश रूप से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ प्रदीप कुमार, राष्ट्रीय मंत्री राहुल राणा व उत्तर क्षेत्र संगठन मंत्री गौरव अत्री उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / सतिंदर धलारिया