स्कूल बंद करने पर भाजपा ने सुक्खू सरकार को घेरा

 


सरकार के पास स्कूल और अस्पताल चलाने के लिए पैसा नहीं: जयराम

शिमला, 19 अगस्त (हि.स.)। हिमाचल सरकार ने पांच से कम छात्र संख्या वाले 419 स्कूलों को मर्ज कर दिया गया है, जबकि शून्य दाखिले वाले 99 स्कूलों को बंद करने का आदेश दिए गए हैं। राज्य की प्रमुख विपक्षी दल भाजप ने सरकार के इस फैसले की कड़ी आलोचना की है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने इस मुद्दे पर सत्तारूढ़ सुक्खू सरकार काे घेरते हुए स्कूल बंद करने के फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है।

जयराम ठाकुर ने सोमवार को यहां एक बयान जारी कर कहा कि राज्य सरकार अपने मंत्रियों के लिए करोड़ों रुपये का ऑफिस बना सकती है। असंवैधानिक रूप से सीपीएस की नियुक्तियां करके करोड़ों उन पर खर्च कर सकती है, लेकिन बच्चों की शिक्षा देने वाले स्कूल नहीं चला सकती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के स्कूल बंद करने के फ़ैसले की वजह से आज लाहौल में लाेगाें ने सड़कों पर प्रदर्शन कर सरकार से गुजारिश की कि ऐसे फ़ैसले लेने के पहले विवेक का इस्तेमाल करें। अगर स्कूलाें में एनरोलमेंट शून्य है तो सरकार को उन कारणों का पता लगाना चाहिए। हर स्तर पर जवाबदेही तय करनी चाहिए, लेकिन सरकार को स्कूलाें काे बंद करने में ही आनंद आ रहा है।

उन्होंने कहा कि लाहौल जैसी जगह में गांवों की आबादी क्या है? एक गाँव से दूसरे गांवों के बीच दूरी क्या है? वहां तक स्कूली बच्चे कैसे पहुंचेगे? सरकार ने एक बार भी इन पहलुओं पर गौर नहीं किया। एक बार भी एक अभिभावक की तरह नहीं सोचा कि इस तुग़लक़ी फ़ैसले का लोगों पर क्या असर पड़ेगा?

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि एक तरफ़ सरकार कह रही है कि बजट नहीं हैं, दूसरी तरफ़ करोड़ों रुपये खर्च करके मंत्रियों और सीपीएस के दफ़्तर बनाए जा रहे हैं। इसका यही मतलब है कि सरकार के पास पैसा सिर्फ़ स्कूल और अस्पताल चलाने के लिए नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सरकार स्कूल बंद करने के अपने फ़ैसले से प्रभावित हो रहे छात्रों और उनके अभिभावकों का ख़्याल रखते हुए अपने फ़ैसले पर पुनर्विचार करें।

हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा / सुनील सक्सेना