सबूत है तो पेश करें वरना ख़ामोश रहें मुख्यमंत्री, पद की गरिमा का रखे ध्यान : जयराम ठाकुर

 


मंडी, 06 अप्रैल (हि.स.)। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह “सुक्खू’ कांग्रेस पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल होने वाले कांग्रेस के पूर्व विधायकों के ख़िलाफ़ कर करे अनर्गल बयानबाज़ी को बंद करें। उनके पास अगर सबूत हैं तो उसे पेश करें अन्यथा अपने पद की गरिमा का ध्यान रखे, जिनके ख़िलाफ़ उन्होंने इस तरह के अनर्गल आरोप लगाए हैं उन्होंने ‘सुक्खू’ के ख़िलाफ़ मानहानि के नोटिस भी भेजे हैं और अन्य क़ानूनी कार्रवाई पर राय ले रहे हैं। जिससे आगे उनकी मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। मुख्यमंत्री होकर ऊना के कुटलैहड़ में बीजेपी प्रत्याशी के लिए ‘सुक्खू’ ने जिस प्रकार के शब्दों का इस्तेमाल किया वह अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण हैं। एक पूर्व विधायक एवं भाजपा प्रत्याशी के लिए उनके शब्द अराजकता फैलाने वाले हैं। इस तरह की बात देवभूमि के मुख्यमंत्री द्वारा कही जाना दुःखद है।

जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार चाहती है कि विपक्ष उनकी हर कारगुज़ारी पर ख़ामोश बैठी रहे। यह नहीं हो सकता है, जब भी सरकार का जनहित से दूर होकर लोकतंत्र के नियमों के ख़िलाफ़ काम करेगी सरकार को रोकना, टोकना विपक्ष का धर्म है और हम वही धर्म निभा रहे हैं। जयराम ठाकुर ने कहा कि जनता से झूठ बोला था इसलिए देवभूमि की जनता ने उन्हें बहुमत सौंपा था लेकिन मुख्यमंत्री जनमत नहीं सम्भाल पाए और चुने हुए जनप्रतिनिधियों की आलोचना और अपमान किया। उन सभी ने मुख्यमंत्री को समझाने की बहुत कोशिश की लेकिन मुख्यमंत्री समझ नहीं पाए और अभी भी वह हालत समझना नहीं चाह रहे हैं।

जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस के प्रत्याशी रहे अभिषेक सिंघवी द्वारा हाई कोर्ट में जो भी बात कही ही, तकनीकी पहलुओं पर कोई भी सवाल उठाया गया हो लेकिन सत्य यही है कि भाजपा के प्रत्याशी हर्ष महाजन के पक्ष में कांग्रेस के विधायकों ने मतदान किया और बीजेपी के पास 25 विधायक होने के बाद भी भाजपा को 34 वोट मिले, कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में अभिषेक मनु सिंहवी को भी बराबर वोट मिले। जिसके बाद नियमानुसार लॉटरी द्वारा हर्ष महाजन जीत गये। निर्वाचन अधिकारी द्वारा उन्हें जीत का सर्टिफिकेट दे दिया गया है और राज्य सभा के सदस्य के रूप में हर्ष महाजन की शपथ भी हो गई है। अभिषेक मनु सिंघवी को अपनी बात रखने का अधिकार है।

हिन्दुस्थान समाचार/ मुरारी/सुनील