आईजीएमसी मारपीट मामला: डॉक्टरों की संस्था ने भीड़ को उकसाने वालों पर मांगी कार्रवाई

 

शिमला, 24 दिसंबर (हि.स.)।आईजीएमसी शिमला में डॉक्टर और मरीज के बीच मारपीट के वायरल वीडियो व मारपीट के आरोपों को झेल रहे रेजिडेंट डॉक्टर को ड्यूटी से हटाने की कार्रवाई के बाद डॉक्टरों की संस्था स्टेट एसोसिएशन ऑफ मेडिकल एंड डेंटल कॉलेज टीचर आईजीएमसी एंड डेंटल कॉलेज शिमला (SAMDCOT) ने चेतावनी दी है कि यदि अस्पताल में भीड़ को उकसाने वाले और भाषण देने वाले नेताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं की गई तो प्रदेशव्यापी आंदोलन किया जाएगा।

संस्था के पदाधिकारियों ने बुधवार को एक बयान जारी कर कहा कि घटना को लेकर सोशल मीडिया और कुछ माध्यमों में अधूरी और संपादित वीडियो क्लिप्स के आधार पर डॉक्टरों को दोषी ठहराया जा रहा है, जबकि पूरा फुटेज लंबे समय तक हुई उकसाहट, गाली-गलौज, धमकियों और डराने की कोशिशों को दिखाता है। SAMDCOT के अनुसार पल्मोनरी मेडिसिन वार्ड को तीन घंटे से ज्यादा समय तक भीड़ ने घेर कर रखा, ‘भीड़ द्वारा न्याय’ की मांग की गई और डॉक्टर को शारीरिक नुकसान पहुंचाने की बातें सामने आईं, जिससे सभी भर्ती मरीजों की चिकित्सा प्रभावित हुई।

डॉक्टरों के संगठन का कहना है कि वायरल वीडियो मरीज के परिजनों द्वारा रिकॉर्ड किए गए हैं। इनमें कारण नहीं बल्कि केवल डॉक्टर की प्रतिक्रिया दिखाई गई। जबकि लगातार दबाव और धमकियों को छिपा दिया गया।

बयान में डॉक्टर की निजी तस्वीर बिना अनुमति जारी करने, फर्जी और AI-जनित तस्वीरें फैलाने, ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों को खुली धमकियां देने और अस्पताल परिसर में नारेबाजी व अवैध जमावड़े को हाईकोर्ट के आदेशों का उल्लंघन बताया गया है। SAMDCOT ने मांग की है कि दोनों पक्षों को निष्पक्ष रूप से सुना जाए, पारदर्शी और कानूनी जांच हो, भ्रामक सामग्री का प्रसार रोका जाए और अस्पतालों को मरीजों व स्वास्थ्यकर्मियों दोनों के लिए सुरक्षित रखा जाए।

संस्था ने स्पष्ट किया कि उत्पीड़न और असुरक्षित माहौल डॉक्टरों को सामूहिक कदम उठाने को मजबूर करता है और इसका असर अंततः मरीजों की सेवा पर पड़ता है।

बता दें कि यह बयान बीते सोमवार को आईजीएमसी में मरीज के साथ एक डॉक्टर की मारपीट के वायरल वीडियो के बाद जारी किया गया है।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा