लोकसभा चुनाव : हिमाचल प्रदेश चुनाव होगा रोचक, भाजपा के सामने कांग्रेस के नए चहरे
शिमला, 01 मई (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश में इस बार का लोकसभा चुनाव बेहद रोचक होने वाला है। राज्य की सभी चारों सीटों पर भाजपा का मुकाबला कांग्रेस के नए चेहरों से होगा। हमीरपुर लोकसभा सीट पर भाजपा से केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के खिलाफ कांग्रेस ने सतपाल रायजादा को उतारा है।
कांगड़ा लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा को उतारकर चुनावी रण को रोचक बना दिया है। उनका मुकाबला भाजपा के राजीव भारद्वाज से होगा। हमीरपुर से भाजपा के कदावर नेता अनुराग ठाकुर के खिलाफ कांग्रेस ने ऊना के पूर्व विधायक सतपाल रायजादा पर दांव खेला है। रायजादा वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे सतपाल सिंह सत्ती को हरा चुके हैं। दोनों सीटों पर कांग्रेस ने जातीय संतुलन को साधने की कोशिश की है। कांग्रेस ने हमीरपुर में राजपूत वोटरों के वर्चस्व को देखते हुए सतपाल रायजादा को मैदान में उतारा है। भाजपा उम्मीदवार व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर भी राजपूत हैं।
कांगड़ा सीट पर दोनों दलों ने ब्राह्मण चेहरों पर भरोसा जताया है। खास बात यह है कि कांग्रेस के दोनों उम्मीदवार अपना पहला लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। 71 वर्षीय आंनद शर्मा हिमाचल से दो बार राज्यसभा सांसद रहे हैं। वह यूपीए सरकार के दो कार्यकालों में केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं। शिमला के मूल निवासी आंनद शर्मा को कांगड़ा से उतारने के कांग्रेस आलकमान के फैसले को चौंकाने वाला माना जा रहा है। राज्य की अन्य दो सीटों मंडी और शिमला में कांग्रेस पहले ही उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। देशभर में मंडी लोकसभा सीट चर्चा में बनी हुई है। इस सीट पर भाजपा ने बॉलीबुड अभिनेत्री कंगना रनौत को टिकट दी है, वहीं कांग्रेस की ओर से दिवंगत वीरभद्र के बेटे व युवा कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह के उतरने से चुनाव हाई प्रोफाइल व रोमांचक बन गया है। इस सीट पर वीरभद्र परिवार का वर्चस्व रहा है। वीरभद्र की पत्नी प्रतिभा सिंह मंडी सीट से वर्तमान सांसद हैं। विक्रमादित्य सिंह रामपुर सियासत के राजा हैं। ऐसे में इस सीट पर क्वीन बनाम किंग का मुकाबला होगा।
भाजपा ने दो और कांग्रेस ने चारों सीटों पर बदले उम्मीदवार
लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा ने राज्य की चारों सीटों पर बड़े अंतर से जीत हासिल की थी, बावजूद इसके पार्टी ने यहां दो उम्मीदवार बदल दिए हैं। मंडी से पूर्व उम्मीदवार व सांसद रहे रामस्वरूप शर्मा के निधन के कारण कंगना रनौत को उम्मीदवार बनाया गया है। कांगड़ा सीट पर किशन कपूर की जगह संगठन से जुड़े राजीव भारद्वाज चुनाव मैदान में हैं। जिन दो सीटों में भाजपा ने अपने मौजूद उम्मीदवारों पर भरोसा जताया है, उनमें हमीरपुर से अनुराग ठाकुर और शिमला से सुरेश कश्यप हैं। अनुराग ठाकुर हमीरपुर से लगातार चार बार जीत चुके हैं। शिमला से सुरेश कश्यप दूसरा लोकसभा चुनाव जीतने के इरादे से मैदान में हैं।
कांग्रेस ने चारों सीटों पर उतारे नए उम्मीदवार
खास बात यह है कि सभी चारों उम्मीदवार पहली बार लोकसभा के रण में किस्मत आजमा रहे हैं। कांगड़ा से आनंद शर्मा को छोड़कर अन्य तीन सीटों पर युवाओं को उतारकर कांग्रेस की कवायद युवा वोटरों को आकर्षित करने की है। मंडी सीट से कांग्रेस उम्मीदवार विक्रमादित्य सिंह 35 साल के हैं। शिमला से विनोद सुल्तानपुरी 42 और सतपाल रायजादा 52 वर्षीय हैं। वहीं भाजपा की बात करें तो मंडी से कंगना रनौत 37 वर्ष, हमीरपुर से अनुराग ठाकुर 49, शिमला से सुरेश कश्यप 53 और कांगड़ा से राजीव भारद्वाज 58 साल के हैं।
आंनद शर्मा को उतारकर कांग्रेस ने खेला ब्राह्मण कार्ड
कांगड़ा से राष्ट्रीय नेता आनंद शर्मा को उतारकर कांग्रेस ने ब्राह्मण कार्ड खेला है। कांगड़ा में ब्राह्मण वोटरों की तादाद करीब 20 फीसदी है। भाजपा ने भी ब्राह्मण चेहरे राजीव भारद्वाज को उतारा है। आनंद शर्मा की छवि राष्ट्रीय नेता की है। उन्हें टिकट देकर कांग्रेस की सभी गुटों को एकजुट करने की रणनीति है। कांगड़ा लोकसभा की 17 में से 10 सीटों पर कांग्रेस के विधायक हैं। इन विधायकों की लोकसभा चुनाव में अग्निपरीक्षा होगी। आंनद शर्मा शिमला के मूल निवासी हैं। उनके कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से बाहरी होने का मुद्दा भाजपा चुनाव में भुना सकती है।
तीन सीटों पर मुख्यमंत्री सुक्खू की पसंद के उम्मीदवार
हिमाचल में कांग्रेस उम्मीदवार तय करने में हाईकमान ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पसंद का ध्यान रखा है। चार में से तीन सीटों पर मुख्यमंत्री की पसंद को तरजीह मिली है। कांगड़ा से उतारे गए आनंद शर्मा दिवंगत वीरभद्र सिंह के सियासी विरोधियों में रहे हैं। हमीरपुर से अनुराग ठाकुर के खिलाफ उम्मीदवार चयन करने में भी सुक्खू की पसंद चली और उन्होंने अपने सिपाहसालार सतपाल रायजादा को टिकट दिलाई है। शिमला लोकसभा सीट से विनोद सुल्तानपुरी भी सीएम सुक्खू के करीबी हैं। एकमात्र मंडी सीट ही ऐसी है, जहां वीरभद्र परिवार फिर चुनाव मैदान में है। इस सीट से कांग्रेस उम्मीदवार बनाए गए विक्रमादित्य सिंह ने पिछले दिनों सीएम सुक्खू के साथ मतभेद के चलते कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था, हालांकि बाद में उन्होंने इस्तीफा वापस ले लिया था।
हिन्दुस्थान समाचार/उज्जवल/सुनील