हिमाचल सरकार और पटवारी-कानूनगो के बीच टकराव समाप्त, काम पर लौटने का किया एलान

 


शिमला, 15 अगस्त (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश में पटवारी और कानूनगो के जिला स्तर के कैडर को बदलकर स्टेट कैडर किए जाने से प्रदेश सरकार और पटवारी-कानूनगो संघ के बीच पिछले करीब एक माह से चल रहा टकराव खत्म हो गया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से बातचीत के बाद संघ ने आनलाइन सरकारी राजस्व कार्यों की हड़ताल खत्म कर दी है। अब पटवारी व कानूनगो शुक्रवार से काम पर लौटेंगे और लोगों को दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा।

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के साथ गुरूवार को देहरा में हुई बैठक के बाद राज्य पटवारी और कानूनगो संघ ने काम पर लौटने का निर्णय लिया है। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि उनकी जायज मांगों का सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ समाधान किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पटवारी और कानूनगो का राज्य कैडर किया जाना सरकार का नीतिगत फैसला है। उन्होंने पटवारी और कानूनगो से सरकार की इस पहल में सहयोग करने को कहा। उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं को धरातल पर लागू करने के लिए पटवारी और कानूनगो की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि आम लोगों को पेश आ रही समस्याओं के समाधान के लिए सरकार एक मिशन मोड पर कार्य कर रही है और इसमें पटवारी और कानूनगो की बेहद अहम भूमिका है।

मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि सरकार उनकी सुविधाएं बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया है और कर्मचारियों की वित्तीय देनदारियों का चरणबद्ध तरीके से भुगतान किया जाएगा।

पटवारी एवं कानूनगो संघ के अध्यक्ष सतीश चौधरी ने कहा कि सरकार की सभी योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए पूर्ण निष्ठा व समर्पण भाव से कार्य सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी पटवारी और कानूनगो अपने एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देंगे।

सुक्खू सरकार ने 12 जुलाई को बदला था पटवारी-कानूनगो का जिला कैडर

प्रदेश मंत्रिमंडल की 12 जुलाई को सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित हुई कैबिनेट की बैठक में पटवारियों और कानूनगो को जिला से राज्य कैडर में बदल दिया था। जिस पर विरोध जताते हुए पटवारी एवं कानूनगो महासंघ ने 15 जुलाई से ऑनलाइन कार्यों के बहिष्कार का फैसला लिया था। इससे राज्य भर में राजस्व कार्य प्रभावित हो रहा था। पिछले करीब एक माह से ऑनलाइन सर्टिफिकेट न बनने से आम जनता परेशान हो रही थी। हालांकि संघ ने आपदा के कार्य को इस फैसले से बाहर रखा है। इससे पहले संघ की स्टेट कैडर पर फैसला लेने को लेकर 29 जुलाई को प्रदेश सचिवालय में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी के साथ आयोजित हुए बैठक बेनतीजा रही थी। सरकार ने भी पटवारियों और कानूनगो को जिला से स्टेट कैडर में बदले जाने के फैसले को वापस लेने से साफ इनकार कर दिया था। संघ के इस कदम के बाद प्रदेश सरकार ने सख्ती बरतते हुए काम पर नहीं लौटने पर पटवारी व कानूनगो को सस्पेंड करने के भी आदेश जारी किए थे।

हिन्दुस्थान समाचार

हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा / सुनील शुक्ला