हाटी जनजातीय दर्जा : हमने जो वादा किया था वह निभा दिया : जयराम ठाकुर

 


शिमला, 01 जनवरी (हि.स.)। हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा दिए जाने संबंधित अधिसूचना जारी होने पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि गिरिपार क्षेत्र के हाटी समुदाय के साथ किया अपना वादा मैंने निभा दिया। सभी को शुभकामनाएं। जो हक़ 58 साल पहले मिल जाना चाहिए था। उसके लिए आज भी रोड़े अटकाने का प्रयास हुआ।

जय राम ठाकुर ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रपति से मंज़ूरी मिलने के बाद भी हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा देने से रोकने का प्रयास किया गया। एक स्पष्ट निर्देश होने के बाद भी स्पष्टीकरण के नाम पर पांच महीनें तक चीजों को अटकाने की कोशिश हुई। यह दुःखद है। मैं पूरी ग्यारह से आश्वस्त हूँ कि जनजातीय दर्जा मिलने के बाद विकास के दृष्टि से पीछे रह गये हाटी समुदाय के लोग भी तेज़ी से आगे बढ़ेंगे और परस्पर सौहार्द बनाए रखेंगे।

उन्होंने कहा कि हाटी समुदाय को यह दर्जा 1968 में ही मिल जाना चाहिए था जब उत्तराखंड के जौनसार बावर के जौनसारी समुदाय को मिला था क्योंकि हाटी समुदाय और जौनसारी समुदायों के बीच सामाजिक, सांस्कृतिक के साथ ही भौगोलिक समानता भी थी। तब गिरिपार के साथ अन्याय हुआ था।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जिस समय सरकार को हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा देने के प्रावधानों में अपनी ऊर्जा लगानी चाहिए थी उस समय कांग्रेस की सुक्खू सरकार ने उस कानून को अटकाने, भटकाने और लटकाने के तरीक़े खोजने में अपनी ऊर्जा खर्च कर रही थी। आख़िरकार स्पष्टीकरण के नाम पर इस क़ानून को लागू करने से रोकने का प्रयास किया गया। जबकि हमारी सरकार के समय बने ड्राफ्ट में ही सरकार द्वारा पूछे गये तीनों सवालों के स्पष्ट जवाब थे।

जयराम ठाकुर ने कहा कि उच्च न्यायालय द्वारा भी कुछ छात्रों को प्रोविजनल सर्टिफिकेट दिया गया। जिसके बाद किसी प्रकार के शक की गुंजाइश ही ख़त्म हो गई थी लेकिन फिर भी अधिसूचना जारी करने में देरी हुई। सरकार द्वारा अधिसूचना जारी करने में देरी से हज़ारों युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ हुआ। इसकी भरपाई कौन करेगा।

हिन्दुस्थान समाचार/ सुनील/उज्जवल