हिमाचल प्रदेश का बजट सत्र शुरू, राज्यपाल ने किया सरकार की उपलब्धियों का वर्णन

 
















शिमला,14 फरवरी (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र बुधवार को राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल के अभिभाषण के साथ शुरू हो गया। करीब एक घंटे के भाषण में राज्यपाल ने कांग्रेस की सुक्खू सरकार की एक साल की उपलब्धियों का वर्णन किया। राज्यपाल के अभिभाषण को विपक्षी सदस्यों ने धैर्यपूर्वक सुना और इस दौरान सदन की कार्यवाही शांतिपूर्वक चली।

बुधवार को शिमला में विधानसभा में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने व्यवस्था परिवर्तन के उल्लेख से अपने अभिभाषण को शुरू किया। राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने व्यवस्था परिवर्तन का एक वर्ष सफलतापूर्वक पूरा किया है। प्रदेश सरकार ने हिमाचल को हरित राज्य बनाने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को परिवहन के लिए पहली पसंद बनाने के वास्ते व्यापक स्तर पर काम शुरू किया है। इसके तहत प्रदेश में छह ग्रीन कोरिडोर विकसित किए जा रहे हैं और इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशनों का व्यापक नेटवर्क स्थापित करने के लिए 106 सार्वजनिक स्थानों को चिन्हित किया गया है।

राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने एक वर्ष की अवधि में ईमानदार प्रयासों के साथ नई योजनाएं आरंभ की है और राज्य के विकास को गति प्रदान की है। उन्होंने कहा कि सभी क्षेत्रों का समान विकास और सभी वर्गों का कल्याण सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने कारगर कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार समाज के उस अंतिम व्यक्ति तक पहुंचने का प्रयास कर रही है, जिसकी आवाज आसानी से ऊपर तक नहीं पहुंच पाती। उन्होंने कहा कि समाज के इन्हीं वर्गों का सशक्तिकरण मेरी सरकार का प्रमुख उद्देश्य है।

राज्यपाल ने कहा कि उनकी सरकार ने स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने और उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से 680 करोड़ रुपये की राजीव गांधी स्वरोजगार योजना के तहत परिवहन विभाग ने ई-टैक्सी स्कीम शुरू की है। इसके तहत ई-टैक्सी खरीदने पर 50 फीसदी अनुदान दिया जाएगा और इन्हीं ई-टैक्सियों को कम से कम चार वर्षों के लिए सरकारी विभाग अनुबंध पर लेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में 93 मेगावॉट की सौर ऊर्जा परियोजनाओं को औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं और इन्हें इस वर्ष अंत तक स्थापित कर दिया जाएगा।

राज्यपाल ने मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना का जिक्र करते हुए कहा कि इस योजना के तहत प्रदेश के 4121 बच्चों को पात्र घोषित किया गया है और उन पर अभी तक 7.65 करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार कांगड़ा जिला का पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित कर रही है और यहां पर्यटन ढांचे के विकास पर तीन हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

राज्यपाल नेे 42 पृष्ठों के लंबे अभिभाषण में रोजगार के क्षेत्र में 2061 वन मित्रों की नियुक्ति प्रक्रिया, रोजगार मेलों के जरिए 3567 युवाओं को रोजगार और प्रदेश पुलिस में 1226 कांस्टेबल भर्ती करने के निर्णय का जिक्र किया। राज्यपाल ने कहा कि सरकार ने प्रथम दर्शन सेवा के तहत परिवहन निगम की 36 बसें विभिन्न धार्मिक स्थलों के लिए चलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि हिम गंगा योजना के तहत 500 करोड़ रुपये का प्रावधान कर दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है और कांगड़ा जिले के डगवार में 250 करोड़ रुपए की लागत से एक विश्वस्तरीय दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित किया जाएगा। राज्यपाल ने कहा कि उनकी सरकार ने लंबित राजस्व मामलों को निपटाने के लिए विशेष राजस्व लोक अदालतें शुरू की हैं और इसके तहत अभी तक 95120 तक्सीम और इंतकाल के मामले निपटाए जा चुके हैं।

राज्यपाल ने कहा कि उनकी सरकार ने परीक्षा भर्तियों में होने वाली धांधलियों के चलते हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर को 21 फरवरी 2023 को भंग कर दिया था। इसके स्थान पर 30 सितंबर को हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग स्थापित कर दिया गया है।

राज्यपाल ने अभिभाषण में प्रदेश में पिछले वर्ष आई प्राकृतिक आपदा का जिक्र भी किया और कहा कि इस आपदा से पीड़ितों को राहत देने के लिए सरकार ने 4500 करोड़ रुपए का पैकेज घोषित किया है। उन्होंने कहा कि इस आपदा के बावजूद प्रदेश के विकास को नहीं रुकने दिया गया है। राज्यपाल ने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी के चुनाव घोषणापत्र को नीति दस्तावेज घोषित किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता के साथ किए गए सभी वायदे चरणबद्ध ढंग से पूरे किए जाएंगे और विकास कार्यों में धन की कमी आड़े नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रदेश की आर्थिक स्थिति को पुनः पटरी पर लाने के लिए बहुआयामी परिवर्तन शुरू किए हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/उज्जवल/सुनील