केंद्र की मोदी सरकार ने फोरलेन में चार गुणा मुआवजा न देकर किसानों से किया हें विश्वासघात : बीआर कौंडल
मंडी, 28 मई (हि.स.)। भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच ने केंद्र की भाजपा सरकार पर भूमि अधिग्रहण कानून 2013 को सही ढग़ से लागू न करने और चार गुणा मुआवजा अदा नहीं करने को लेकर विश्वासघात करने का आरोप लगाया है। मंच के अध्यक्ष बी.आर. कौंडल ने यहां पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि कहा कि भाजपा सरकार को पिछले विधानसभा चुनाव में भूमि अधिग्रहण मंच की मांगों को न मानने का खामियाज़ाा भुगतना पड़ा ।
उन्होंने कहा कि यदि भाजपा अब भी उनकी मांगों को अनसुना करती है तो हार का सामना करना होगा। उन्होंने कहा कि केंद्र कि सरकार व पूर्व की जयराम सरकार को यह नहीं भूलना चाहिए की उनकी सरकार ने फोरलेन प्रभावितों, किसानों की जमीन के सर्कल रेट कम करके एवं बिना चार गुणा मुआवजा दिए, हिमाचल के किसानों के साथ विश्वासघात किया है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय उच्च मार्ग को फोरलेन बनाने के लिए जमीन दे दी गई, दूसरी तरफ किरतपुर-मनाली फोर लेन में अभी तक सुंदरनगर बाईपास, पंडोह बाईपास, नागचाला-पंडोह, नौलखा-डडौर सर्विस रोड़ का काम अभी तक अधुरा रह गया है। यहां तक कि भूमिगत रास्ते, पैदल पथ, बस स्टैंडए हैंड पंप, टोल प्लाजा में राहत, सड़क किनारे पक्की नालियों आदि मूलभुत सुविधाएं उपलब्ध नहीं करवाई गई है। उन्होंने मांग की है कि केंद्र व राज्य सरकार तथा राष्ट्रीय उच्च मार्ग आम लोगों को बुनियादी सुविधाएं अति शीघ्र उपलब्ध करवाई जाए।
उन्होंने कहा कि 2013 में बने एक्ट के मुताबिक भूमि अधिग्रहण के दौरान प्रभावितों को चार गुना मुआवजा दिया जाना था। लेकिन प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा एक नोटिफिकेशन जारी करके 2015 में इसे कम करके फैक्टर टू से फैक्टर वन कर दिया गया। जिस कारण हिमाचल प्रदेश को लगभग 5,000 करोड़ का नुक्सान हुआ है।
उन्होंने कहा कि इसके बाद भाजपा सरकार के समक्ष भी इस मुद्दे को उठाया गया, परंतु जयराम सरकार ने भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच की मांगों को हल्के में लिया और ठंडे बस्ते में डाल दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में भूमिअधिग्रहण अधिनियम लागू करने की बात कही थी। मगर जयराम ठाकुर ने मोदी की बात को भी अनसुना कर दिया। नतीजतन चुनावों में भाजपा को हर का सामना करना पड़ा। इसके बावजूद भूमिअधिग्रहण प्रभावित मंच का संघर्ष आज भी जारी है।
अध्यक्ष बी आर कौंडल ने कहा कि इन लोकसभा चुनाव में दोनों ही पार्टियों भूमि अधिग्रहण नियम के बारे में चुप्पी साधी हुई है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। हालांकि, कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह ने आश्वासन दिया है कि वे इस मुददे को संसद में उठाएंगे, लेकिन आश्वासन के सहारे ही कई वर्ष निकल गए, अब तक उनकी मांगों को नहीं माना गया। उन्होंने कहा कि दोनों ही प्रत्याशियों को इस विषय का ज्ञान नहीं है दोनों ही प्रत्याशी इस बारे में जानकारी जुटा कर फिर बात करें ।
हिन्दुस्थान समाचार/ मुरारी/सुनील