शिक्षा में उत्कृष्टता के उच्च मानक स्थापित कर रहे राज्य के सरकारी स्कूल: रोहित ठाकुर

 
















शिमला, 25 फरवरी (हि.स.)। राज्य के शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि आजादी के समय हिमाचल प्रदेश की साक्षरता दर लगभग 8 प्रतिशत थी, जो आज बढ़कर 88 प्रतिशत से अधिक हो गई है। शिक्षा क्षेत्र में लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए अग्रणी राज्यों में शुमार होने का श्रेय राज्य के सरकारी स्कूलों के स्थापित उच्च मानकों को दिया जा सकता है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू और हमारे प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री डॉ. वाईएस परमार ने भी सरकारी स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों से शिक्षा ग्रहण करके उच्च मुकाम हासिल किया।

शिक्षा मंत्री ठाकुर रविवार को यहां जी पंजाब हरियाणा हिमाचल के सहयोग से क्रैक अकादमी के तत्वावधान में राज्य के सभी 68 निर्वाचन क्षेत्रों में ‘मेरे शहर के 100 रतन’ छात्रवृत्ति कार्यक्रम के शुभारंभ मौके पर संबोधित कर रहे थे। यह अकादमी सिविल सेवा, एसएससी, रेलवे, बैंकिंग और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कोचिंग और राज्य के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के 100 छात्रों का चयन कर इन्हें छात्रवृति देेगी। जिसके लिए मई, 2024 को छात्रवृत्ति के लिए परीक्षा आयोजित की जाएगी।

शिक्षा मंत्री ठाकुर ने कहा कि इस छात्रवृत्ति से प्रदेश के मेधावी और प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को लाभ पहुंचेगा, जो आर्थिक या अन्य संसाधनों की कमी के चलते कोचिंग संस्थानों में शिक्षा ग्रहण नहीं कर सकते।रोहित ठाकुर ने कहा कि हिमाचल के सरकारी स्कूलों से शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थी देश, दुनिया व प्रदेश के उच्च संस्थानों और विभिन्न क्षेत्रों में अपनी बहुमूल्य सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस शिक्षा प्रणाली के कारण ही हिमाचल में प्रति व्यक्ति भारतीय प्रशासनिक अधिकारियों का अनुपात देश के अन्य राज्यों की तुलना में अधिक है और हिमाचल प्रति व्यक्ति आय के मामले में सर्वश्रेष्ठ राज्यों में शामिल है। उन्होंने कहा कि हिमाचल में शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर अधोसंरचना के माध्यम से विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान की जा रही है। भविष्य की चुनौतियों को देखते हुए प्रदेश सरकार विद्यार्थियों को विश्व स्तरीय अवसर प्रदान करने के लिए शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने की दिशा में कार्य कर रही है।

शिक्षा मंत्री ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में लगभग 15 लाख छात्र हैं, जिनमें से 55 प्रतिशत सरकारी संस्थानों में हैं। राज्य सरकार ने सरकारी शैक्षणिक संस्थानों में अधिक विद्यार्थी जोड़ने के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं और कार्यक्रम शुरू किए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की डॉ. वाई.एस. परमार विद्यार्थी ऋण योजना के अन्तर्गत छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए एक प्रतिशत ब्याज दर पर 20 लाख रुपये तक का ऋण उपलब्ध करवाया जा रहा है। सरकार सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों में अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस राजीव गांधी गवर्नमेंट मॉडल डे-बोर्डिंग स्कूल भी बना रही है।

हिन्दुस्थान समाचार/उज्ज्वल/सुनील