ड्रग माफिया ललित मामले में येरवड़ा जेल प्रशासन की भूमिका संदिग्ध
-जेल अधिकारी ने लिखा था ससून अस्पताल के डॉक्टर को पत्र
मुंबई, 21 नवंबर (हि.स.)। ड्रग माफिया ललित पाटिल मामले में येरवड़ा जेल प्रशासन की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। येरवड़ा जेल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने ललित पाटिल को 15 दिनों तक ससून अस्पताल में रखने के लिए जेल अधीक्षक को 3 जून 2023 को पत्र लिखा है। इस तरह की जानकारी ललित पाटिल ड्रग मामले की छानबीन में प्रकाश में आई है। इस मामले की गहन छानबीन पुणे पुलिस कर रही है।
जानकारी के अनुसार ललित पाटिल को ड्रग मामले में गिरफ्तार कर पुणे के येरवडा जेल में रखा गया था, लेकिन येरवडा जेल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने 3 जून 2023 को ससून अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक को पत्र लिखकर कहा था कि जेल के पास वाहन की सुविधा उपलब्ध न होने से कैदी ललित पाटिल को कम से कम 15 दिनों ससून अस्पताल में रखा जाए। इसके बाद ललित पाटिल करीब 4 महीने तक ससून में इलाज के नाम पर रखा गया था और 2 अक्टूबर को फरार हो गया था। बाद में मुंबई पुलिस ने ललित पाटिल को चेन्नई के होटल से गिरफ्तार कर लिया था। इस समय ललित पाटिल पुणे पुलिस की कस्टडी में है।
ललित पाटिल के फरार होने के संबंध में गहन छानबीन चल रही है। इस मामले में अब तक ससून अस्पताल के कई डॉक्टरों को निलंबित किया जा चुका है। साथ पुणे पुलिस के कई पुलिस कर्मी सस्पेंड किए जा चुके हैं। मामले की छानबीन में ललित पाटिल फरार मामले में जेल अधिकारियों की भूमिका संदेहास्पद मिली है। इसलिए इस मामले में जेल के कई अधिकारी भी नप सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि ललित पाटिल और भूषण पाटिल ने मिलकर नासिक में एमडी ड्रग बनाने की कंपनी भी स्थापित की थी, जिसे पुलिस ने ध्वस्त कर दिया है। पुलिस ने नासिक से भारी मात्रा में एमडी ड्रग बरामद किया है। इस मामले में पुलिस अब तक 19 आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है। मामले की गहन छानबीन जारी है।
हिन्दुस्थान समाचार/ राजबहादुर/सुनील