हिमाचल प्रदेश में इस्पात उद्योग को बढ़ावा दे रही केंद्र सरकार

 


शिमला, 9 अगस्त (हि.स.)। राज्यसभा सांसद डॉक्टर सिकंदर कुमार ने शुक्रवार को संसद में हिमाचल प्रदेश में इस्पात उद्योग से सम्बंधित मुद्दा उठाया। केन्द्रीय इस्पात राज्य मंत्री भूपति राजू श्रीनिवास वर्मा ने डाॅ. सिकंदर द्वारा पूछे गए प्रश्नों का जवाब देते हुए बताया कि हिमाचल प्रदेश में 28 इस्पात संयंत्र प्रचालन में है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार हिमाचल में इस्पात उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि इस्पात एक नियंत्रणमुक्त क्षेत्र है। सरकार इस्पात क्षेत्र के विकास के लिए अनुकूल नीतिगत वातावरण सृजित करके एक सुविधाप्रदाता की भूमिका निभाती है।

उन्होंने कहा कि स्टील अथाॅरिटी ऑफ इंडिया इस्पात मंत्रालय का एक सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है जिसकी स्टील प्रोसेसिंग यूनिट (एसपीयू) कंदरोरी में स्थित है जहां पर बिलेट को टीएमटी बार्स में परिवर्तित किया जाता है। एसपीयू कंदरोरी, हिमाचल प्रदेश में 76.85 करोड़ रू0 का निवेश किया गया है।

केन्द्रीय इस्पात राज्य मंत्री ने कहा कि सरकार ने हिमाचल प्रदेश सहित ग्रामीण क्षेत्रों में एक सुविधाप्रदाता के रूप में इस्पात उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कारगर उपाय किए हैं। उन्होनें कहा कि गति-शक्ति मास्टर प्लान, विनिर्माण क्षेत्र के लिए मेक इन इंडिया तथा सरकार की अन्य प्रमुख योजनाओं के माध्यम से अवसंरचनात्मक विकास के लिए सरकार का प्रयास हिमाचल प्रदेश सहित देश में इस्पात की मांग एवं खपत को बढ़ावा देता है। प्रधानमंत्री आवास योजना के एक हिस्से के रूप में स्ट्रक्चरल इस्पात का उपयोग करते हुए आंगनबाडि़यों तथा घरों के टाइप डिजाइनों के विकास के लिए परियोजना की शुरूआत की है।

उन्होंने कहा कि स्टील अथाॅरिटी ऑफ इंडिया लिमिटड तथा राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटड जैसे इस्पात सीपीएसई ने ग्रामीण डीलरों को नियुक्त किया है तथा इस्पात उद्योगों के लाभों के संबंध में विशेष रूप से ग्रामीण भारत को जागरूक करने के उदेश्य से प्रोत्साहित करने संबंधी विभिन्न गतिविधियों में भी शामिल किया गया है।

सांसद डाॅ. सिकंदर कुमार के प्रदेश में रेलवे से जुड़े सवाल के जवाब में केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि वर्तमान में हिमाचल प्रदेश में 52 अदद चैकीदार वाले समपार स्थित हैं। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश के छोटे लाइन नेटवर्क सहित भारतीय रेल के बड़ी लाइन नेटवर्क की रनिंग लाइनों पर सभी बिना चौकीदार वाले समपारों को समाप्त कर दिया गया है और 2019 से हिमाचल प्रदेश में किसी भी समपार फाटक पर कोई दुर्घटना नहीं हुई है।

हिन्दुस्थान समाचार

हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा / सुनील शुक्ला