डीडीयू अस्पताल में अंगदान को लेकर किया जागरूक

 














शिमला, 28 अक्टुबर (हि.स.)। शिमला के दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में शनिवार को स्टेट ऑर्गन एंड टिशु ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (सोटो) हिमाचल प्रदेश की ओर से भाजपा अनुसूचित जाति व डीडीयू ब्लड बैंक के तत्वाधान के तहत अंगदान के प्रति जागरूकता शिविर लगाया गया। सोटो ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर नरेश कुमार ने लोगों को को अंगदान के प्रति जागरूक किया और पेंफ्लेट बांटकर अंगदान करने के लिए शपथ पत्र भरने का आग्रह किया। इसमें कई लोगों ने अंगदान करने की शपथ ली।

उन्होंने बताया कि लोग मृत्यु के बाद भी यानी ब्रेन स्टेम डेथ होने पर अपने अंगदान करके जरूरतमंद का जीवन बचा सकते हैं। अंगदान करने वाला व्यक्ति ऑर्गन के जरिए 8 लोगों का जीवन बचा सकता है। किसी व्यक्ति की ब्रेन डेथ की पुष्टि होने के बाद, डॉक्टर उसके घरवालों की इच्छा से शरीर से अंग निकाल पाते हैं। इससे पहले सभी कानूनी प्रकियाएं पूरी की जाती हैं। इस प्रक्रिया को एक निश्चित समय के भीतर पूरा करना होता है। ज्यादा समय होने पर अंग खराब होने शुरू हो जाते हैं। देश में प्रतिदिन प्रत्येक 17 मिनट में एक मरीज ट्रांसप्लांट का इंतजार करते हुए जिंदगी से हाथ धो बैठता है।

उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति जिसकी उम्र कम से कम 18 वर्ष को स्वैच्छिक रूप से अपने करीबी रिश्तेदारों को देश के कानून व नियमों के दायरे में रहकर अंगदान कर सकता है। अंगदान एक महान कार्य है जो हमें मृत्यु के बाद कई जिंदगियां बचाने का अवसर देता है। अंगदान के संबंधित सही जानकारी व भ्रम होने की वजह से अधिकतर लोग अंगदान करने से पीछे हट जाते हैं। इसीलिए अगर लोगों में पहले से अंगदान को लेकर पर्याप्त जानकारी होगी तभी ऐसे मौके जरूरतमंदों के लिए वरदान साबित हो सकते हैं।

उन्होंने बताया कि अंगदान के लिए शपथ पत्र भरना अब और भी आसान हो गया है। सोटो हिमाचल की ऑफिशल वेबसाइट पर जाकर कोई भी व्यक्ति घर बैठ कर कोड स्कैन करके या फिर बी एन ऑर्गन डोनर विकल्प पर जाकर शपथ पत्र भरकर सर्टिफिकेट डाउनलोड कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि यह प्रक्रिया पूरी तरह से निशुल्क है।

हिन्दुस्थान समाचार/उज्ज्वल

/सुनील