तहबाजारियों का नगर निगम के खिलाफ प्रदर्शन, स्ट्रीट वेंडर एक्ट को लागू करने की मांग

 


शिमला, 04 दिसंबर (हि.स.)। नगर निगम शिमला की कार्रवाई के विरोध में तहबाजारियों और श्रमिक संगठन सीटू ने गुरूवार को जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने उपायुक्त कार्यालय के बाहर नारेबाजी की और इसके बाद नगर निगम संयुक्त आयुक्त कार्यालय का घेराव किया। तहबाजारियों ने आरोप लगाया कि हाई कोर्ट के आदेशों की आड़ में उन्हें उजाड़ा जा रहा है, जबकि स्ट्रीट वेंडर एक्ट को पूरी तरह लागू नहीं किया गया है।

तहबाजारियों का कहना है कि नगर निगम अवैध कब्जे के नाम पर रेहड़ी–फड़ी वालों का सामान जब्त कर रहा है और उन्हें रोज़गार से वंचित किया जा रहा है। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि इसी कार्रवाई के तहत बुधवार को लक्कड़ बाजार क्षेत्र में निगम की टीम ने कई लोगों का सामान जब्त किया। इस दौरान धक्का–मुक्की भी हुई, जिसमें एक महिला घायल हो गई थी। घायल महिला अंजली ने बताया कि वह पिछले 15 वर्षों से लक्कड़ बाजार में रेहड़ी लगाकर परिवार का पालन-पोषण कर रही है, लेकिन नगर निगम ने अब तक उसका रजिस्ट्रेशन नहीं किया है। उन्होंने कहा कि कई बार आवेदन देने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं की गई।

प्रदर्शन के दौरान सीटू राज्य अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा कि केंद्र सरकार ने 2014 में स्ट्रीट वेंडर एक्ट बनाया था, जिसमें तहबाजारियों को व्यवस्थित तरीके से बसाने का प्रावधान है। लेकिन नगर निगम शिमला इस कानून को लागू करने की जगह तहबाजारियों को हटाने में जुटा है। उन्होंने आरोप लगाया कि नगर निगम ने हाई कोर्ट के समक्ष भी गलत जानकारी रखकर तहबाजारियों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है।

विजेंद्र मेहरा ने चेतावनी दी कि यदि नगर निगम ने जल्द तहबाजारियों का रजिस्ट्रेशन शुरू कर स्ट्रीट वेंडर एक्ट लागू नहीं किया, तो सीटू आंदोलन को और उग्र करेगा।

प्रदर्शन में बड़ी संख्या में रेहड़ी–फड़ी लगाने वाले लोग शामिल रहे और उन्होंने अपने अधिकारों की रक्षा की मांग की।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा