पीड़ित व्यक्ति के पक्ष को ज्यादा मजबूत करेगी भारतीय न्याय सहिंता: राजेश कुमार
हमीरपुर, 01 जुलाई (हि. स.)। देशभर में सोमवार से लागू होने वाली भारतीय न्याय सहिंता की जानकारी उपलब्ध करवाने के लिए थाना हमीरपुर में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला की अध्यक्षता अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हमीरपुर राजेश कुमार ने की। इस अवसर पर पुलिस कर्मचारी तथा सेवानिवृत्त पुलिस कर्मचारी मौजूद रहे। ब्रिटिश काल से चले आ रहे तीन कानूनों को बदलने के संदर्भ में जानकारी उपलब्ध करवाई गई। संबोधित करते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हमीरपुर ने बताया कि पीड़ित को समयबद्ध न्याय मिले इसके लिए तीन नए आपराधिक कानूनों को पहली जुलाई से लागू कर दिया गया है। इस वजह से न्याय प्रणाली में व्यापक बदलाव आएंगे। भारतीय न्यास संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को लागू किया गया है। हालांकि पहले ब्रिटिश काल से भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम चलते आ रहे थे। नए कानूनों से आधुनिक न्याय प्रणाली स्थापित होगी। इसमें जीरो एफआईआर, पुलिस में ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराना, एसएमएस के जरिए सम्मन भेजने जैसे इलेक्ट्रॉनिक माध्यम शामिल हैं। उन्होंने बताया कि पहले सम्मन की तामील तब मानी जाती थी जब सम्मन संबंधित व्यक्ति को प्राप्त हो जाता था लेकिन अब व्हाट्सएप के माध्यम से भेजा गया सम्मन भी तामील ही मानी जाएगी। इस नई व्यवस्था से पीड़ित व्यक्ति के पक्ष को और मजबूती मिलेगी।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने बताया कि जिस प्रकार से नई तकनीक आने से अपराधों का तरीका बदला है उसके लिए यह व्यवस्था लाना आवश्यक था और सभी जघन्य अपराधों के वारदात स्थल की वीडियोग्राफी की जाएगी। नए कानूनों के तहत आपराधिक मामलों में फैसला मुकद्दमा पूरा होने के 45 दिन के भीतर आएगा और पहली सुनवाई के लिए 60 दिन के भीतर आरोप तय किए जाएंगे। इसके साथ ही बिना शिकायतकर्ता की अनुमति के कोई भी केस वापस नहीं होगा। उन्होंने बताया कि बच्चों तथा महिलाओं की सुरक्षा हेतू भी कानूनों में कड़े प्रावधान किए गए हैं। दुराचार की स्थिति में मृत्यु दंड तक का भी प्रावधान किया गया है। पुराने कानूनों की जगह नए कानून लागू होने के बाद हमीरपुर पुलिस थाना में पहला मामला मारपीट का दर्ज हुआ। यह मामला नए अधिनियम के तहत मारपीट की विभिन्न धाराओं में दर्ज किया गया है।
हिन्दुस्थान समाचार/ विशाल/सुनील