पैसों का रोना रो रही सुक्खू सरकार, कर्ज लेकर भी नहीं हो रहे विकास कार्य : भाजपा
शिमला, 1 सितंबर (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी ने आर्थिक मोर्चे पर एक बार फिर प्रदेश की सुक्खू सरकार को घेरा है। भाजपा का कहना है कि सत्ता संभालने के बाद ही सुक्खू सरकार पैसे का रोना रो रही है। कांग्रेस की सुक्खू सरकार ऋण लेकर भी प्रदेश को चलाने में नाकाम दिख रही है और विकास नहीं हो रहा है।
प्रदेश भाजपा महामंत्री बिहारी लाल शर्मा ने रविवार को जारी एक बयान में बताया कि कांग्रेस पार्टी के नेता केवल आंकड़ों के मायाजाल से जनता का ध्यान भटकने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2026-27 में जिस समय सोलहवें वित्त आयोग की सिफारिशें लागू होंगी, सरकार को लोन किस्त व ब्याज की अदायगी के लिए 12361 करोड़ रुपये की जरूरत पड़ेगी। अगले वित्त वर्ष यानी 2027-28 में लोन किस्त के 4730 करोड़ व ब्याज के 8115 करोड़ रुपये को मिलाकर दोनों मदों में कुल 12845 करोड़ रुपये की देनदारी होगी। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार 2028-29 में लोन किस्त 5072 करोड़ व ब्याज अदायगी 8865 करोड़ को मिलाकर एक साल की देनदारी 13,937 करोड़ रुपये रहेगी। वित्त वर्ष 2029-30 में लोन किस्त के 5347 करोड़ रुपये व ब्याज के 9595 करोड़ रुपये को मिलाकर कुल एक साल की देनदारी 14942 करोड़ रुपये होगी। अंतिम वित्त वर्ष यानी 2030-31 में लोन किस्त 6126 करोड़ रुपये व ब्याज अदायगी 10507 करोड़ को मिलाकर ये रकम 14942 करोड़ होगी। यानी पांच साल में लोन किस्त की अदायगी 26101 करोड़ रुपये व ब्याज के 44617 करोड़ रुपये को मिलाकर कुल पांच साल की देनदारी 70718 करोड़ रुपये होगी। इस कर्ज के ब्याज तक को चुकाने के लिए कर्ज उठाने की नौबत आ चुकी है।
बिहारी लाल ने कहा कि केंद्र ने हिमाचल प्रदेश को प्रतिवर्ष 15000 करोड़ से अधिक को राशि है, जो कम नहीं होती पर सरकार इस पैसे को किस प्रकार से इस्तेमाल कर रही है, वह महत्वपूर्ण बात है। प्रदेश में कुछ ऐसी स्थितियां बन गई हैं कि केंद्र से मिले पैसे को सरकार वेतन देनदारी पर खर्च कर रही है, इससे प्रदेश की आर्थिकी का खुलासा होता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा