एचपीएमसी की नई गाइडलाइन्स बागवान विरोधी, भाजपा ने दी आंदोलन की चेतावनी
शिमला, 24 दिसंबर (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी फल सब्जी विपणन एवं प्रसंस्करण संघ (एचपीएमसी) की ओर से एमआईएस के तहत खरीदे गए सेब के भुगतान को लेकर जारी नई गाइडलाइन्स पर सियासत तेज हो गई है। भाजपा नेता चेतन बरागटा ने इन गाइडलाइन्स को बागवान विरोधी बताते हुए कांग्रेस सरकार पर सीधा हमला किया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर इन्हें तुरंत वापस नहीं लिया गया तो भाजपा प्रदेशभर में आंदोलन शुरू करेगी।
चेतन बरागटा ने बुधवार को कहा कि हिमाचल के सेब बागवान पहले ही प्राकृतिक आपदाओं, ओलावृष्टि, भारी बारिश और बाजार की अनिश्चितताओं से जूझ रहे हैं। ऐसे समय में कांग्रेस सरकार ने नई गाइडलाइन्स के जरिए बागवानों पर अतिरिक्त बोझ डाल दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि भुगतान के लिए अब उद्यान कार्ड, आधार कार्ड और जमाबंदी जैसे दस्तावेज़ अनिवार्य कर दिए गए हैं, जिससे प्रक्रिया जटिल और लंबी हो गई है।
बरागटा का कहना है कि जब एचपीएमसी ने एमआईएस के तहत सेब की खरीद की थी, उस समय इस तरह की कड़ी शर्तें नहीं थीं। अब भुगतान के वक्त बागवानों को पटवारी, बागवानी विभाग और सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या सरकार जानबूझकर भुगतान में देरी करना चाहती है।
भाजपा नेता ने यह भी कहा कि हिमाचल के पहाड़ी इलाकों में अधिकतर जमीन संयुक्त या पारिवारिक होती है, कई जगह लीज पर भी बागवानी की जाती है। ऐसे में सेब उत्पादन को सख्ती से राजस्व रिकॉर्ड से जोड़ना व्यवहारिक नहीं है। इससे असली बागवानों का भुगतान महीनों तक अटक सकता है और उन्हें मानसिक व आर्थिक परेशानी झेलनी पड़ सकती है।
चेतन बरागटा ने आरोप लगाया कि एचपीएमसी का मकसद बागवानों को राहत देना था, लेकिन कांग्रेस सरकार ने इसे जांच और कागजी औपचारिकताओं का माध्यम बना दिया है। उन्होंने कहा कि यह नीति न तो किसान हित में है और न ही प्रदेश के हित में, बल्कि इससे बागवानों में डर और असुरक्षा बढ़ रही है।
उन्होंने साफ कहा कि अगर कांग्रेस सरकार ने इन गाइडलाइन्स को तुरंत वापस नहीं लिया और एमआईएस के तहत सेब का भुगतान सरल और बिना रुकावट नहीं किया गया, तो भाजपा सेब बागवानों के साथ मिलकर प्रदेशव्यापी आंदोलन करेगी।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा