दवा कम्पनी का लाईसेंस किया रद्द

 

सोलन, 05 नवंबर (हि.स.)। जिला सोलन के औद्योगिक क्षेत्र बद्दी में स्थित एक फार्मा कंपनी पर प्रदेश दवा नियंत्रण प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए उसका दवा निर्माण लाइसेंस रद्द कर दिया है। कंपनी पर बंदी आदेश के बावजूद चोरी-छिपे दवा उत्पादन जारी रखने का आरोप सिद्ध हुआ है।

जानकारी के अनुसार, 29 मार्च 2025 को विभाग ने उक्त कंपनी को ‘स्टॉप मैन्युफैक्चरिंग ऑर्डर’ जारी किया था। यह कार्रवाई तब की गई थी जब राजस्थान दवा नियंत्रण प्रशासन द्वारा ‘लेवोसेटिरीजीन टैबलेट्स’ का सैंपल फेल घोषित कर हिमाचल प्रशासन को इसकी रिपोर्ट भेजी गई थी। रिपोर्ट में दवा को सब-स्टैंडर्ड पाया गया था, जिसके बाद हिमाचल प्रदेश दवा नियंत्रण प्रशासन ने उत्पादन पर रोक लगा दी थी।

बावजूद इसके, कंपनी ने आदेशों की अवहेलना करते हुए गुप्त रूप से उत्पादन जारी रखा। 1 नवंबर को दवा नियंत्रण विभाग की टीम ने अचानक छापेमारी की, जिसमें पाया गया कि काठा गांव स्थित यूनिट में बंदी आदेशों के बावजूद दवाओं का निर्माण जारी था। इस दौरान बड़ी मात्रा में कच्चा माल, तैयार दवाएं और उत्पादन रजिस्टर जब्त किए गए।

इस गंभीर लापरवाही और जनस्वास्थ्य से खिलवाड़ को देखते हुए विभाग ने कंपनी को शोकॉज नोटिस जारी किया, लेकिन उसका जवाब असंतोषजनक पाया गया। इसके बाद सहायक औषधि नियंत्रक (लाइसेंसिंग प्राधिकरण) डॉ. कमलेश नाइक ने कंपनी के दोनों निर्माण लाइसेंस तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिए।

अब कंपनी किसी भी प्रकार की दवा का निर्माण, बिक्री या वितरण नहीं कर सकेगी। विभाग ने कंपनी के सभी उत्पाद अनुमोदन रद्द कर बाजार से दवाओं की रिकॉल प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं। ड्रग इंस्पेक्टर बद्दी को इस प्रक्रिया की निगरानी का दायित्व सौंपा गया है।

राज्य औषधि नियंत्रक डॉ. मनीष कपूर ने कहा कि यह कार्रवाई कंपनी द्वारा लगातार नियमों की अवहेलना और नियामक आदेशों की अनदेखी के चलते की गई है। उन्होंने बताया कि प्रदेश की अन्य दवा निर्माण इकाइयों पर भी अब कड़ी निगरानी रखी जा रही है ताकि इस प्रकार की लापरवाहियों पर अंकुश लगाया जा सके।

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हिन्दुस्थान समाचार / संदीप शर्मा