हिमाचल के विकास में अटल का योगदान अद्वितीय : धूमल

 


हमीरपुर, 25 दिसम्बर (हि. स.)। हिमाचल के विकास में भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री युगपुरुष स्व.अटल बिहारी वाजपेयी का अद्वितीय योगदान रहा है। हिमाचल के लिए उनसे कभी भी जो मांगा उन्होंने कभी इंकार नहीं किया। वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल ने टौणीदेवी में सुजानपुर भाजपा मंडल द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री की जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में उनको श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए यह बात कही है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि 19 मार्च 1998 को श्रद्धेय अटल जी प्रधानमंत्री बने थे और 24 मार्च 1998 को हिमाचल प्रदेश में हमारी सरकार बन गई थी। प्रदेश के विकास के लिए 5 वर्ष जो उनका आशीर्वाद मिलता रहा वह अद्वितीय था। सामान्य तौर पर मुख्यमंत्री अनेकों मांगे केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री के समक्ष रखते हैं । यह हमारा और इस प्रदेश का सौभाग्य था कि हमने अटल जी से जो भी कहा जो भी मांगा वह उन्होंने तुरंत पूरा किया। कभी किसी बात के लिए कोई इनकार नहीं किया।

पूर्व प्रधानमंत्री से जुड़ी स्मृतियों को साझा करते हुए प्रोफेसर धूमल ने कहा कि जब प्रधानमंत्री बनकर वह पहली बार हिमाचल आए तो हमने कुल्लू में उनका स्वागत रखा। पहली बार आए थे और हम उनका स्वागत कर रहे थे तो हमने कोई डिमांड नहीं रखी तब अटल जी ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री बनकर पहली बार हिमाचल आया हूं 100 करोड़ प्रदेश के लिए देता हूं। कुछ दिनों बाद ही उनका शिमला आने का कार्यक्रम तय हो गया। तब हमने कहा कि आज तो कुछ देना पड़ेगा, तब वह बोले कि अभी तो 100 करोड़ दिया था। हमने कहा वह आपने अपनी मर्जी से दिया था लेकिन इस बार आप राजधानी आए हैं तो जरूर कुछ देना पड़ेगा तब उन्होंने 200 करोड़ प्रदेश को फिर से दे दिया।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अटल जी के मन में हिमाचल प्रदेश के लिए अपार प्यार भरा था। हिमाचल की जब भी बात आती थी तो वह बड़ा दिल दिखते थे। प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों को समझते हुए उन्होंने विकासात्मक योजनाओं की राष्ट्रीय स्तर की शर्तों को भी बदलकर रख दिया था।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वर्गीय अटल जी के साथ उन्होंने बहुत लंबा राजनीतिक जीवन जीया है, जब मैं पहली बार सांसद बना था तब से उनका आशीर्वाद मिलता रहा। उन्होंने कहा कि अटल जी का सानिध्य और प्यार इतना था कि आजीवन उनकी सिक्योरिटी प्रोटोकॉल में मुझे एनी टाइम अप्वाइंटी का कोड मिला रहा। उनसे मिलने के लिए मुझे कभी समय नहीं मांगना पड़ता था। अटल जी की जयंती के अवसर पर मैं उनके चरणों में कोटि-कोटि नमन करता हूं और उनको श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।

हिन्दुस्थान समाचार/विशाल/सुनील