हिमाचल को चिट्टा मुक्त करने की मुहिम, बिलासपुर में निकाली चिट्टा विरोधी वॉकथॉन
शिमला, 26 दिसंबर (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश को चिट्टा मुक्त बनाने के उद्देश्य से चल रहे राज्यव्यापी जन आंदोलन के तहत मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को बिलासपुर में एंटी चिट्टा जागरूकता वॉकथॉन का नेतृत्व किया। यह वॉकथॉन राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला (छात्र) से लुहणु मैदान तक आयोजित की गई। इसमें बड़ी संख्या में विद्यार्थियों, युवाओं, जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और आम नागरिकों ने भाग लिया। पूरे शहर में चिट्टा के खिलाफ नारों की गूंज सुनाई दी और जनसैलाब उमड़ पड़ा।
वॉकथॉन शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बिलासपुर में उपस्थित लोगों को चिट्टे और अन्य नशीले पदार्थों के खिलाफ जागरूक रहने और समाज को नशामुक्त बनाने की शपथ दिलाई। लुहणु मैदान में जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि चिट्टा हिमाचल के बच्चों और युवाओं के भविष्य के लिए सबसे बड़ा खतरा बन चुका है। उन्होंने कहा कि यह कोई साधारण नशा नहीं, बल्कि ऐसा ज़हर है जो परिवारों को बर्बाद कर रहा है और युवाओं के सपनों को खत्म कर देता है।
मुख्यमंत्री ने समाज के हर वर्ग, खासकर युवाओं से इस लड़ाई में आगे आने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि समाज में बड़े बदलाव हमेशा युवाओं ने ही किए हैं और उन्हें विश्वास है कि युवा शक्ति के सहयोग से हिमाचल को चिट्टा मुक्त बनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि 15 नवंबर को शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान से चिट्टा के खिलाफ इस जन आंदोलन की शुरुआत की गई थी, जो अब पूरे प्रदेश में फैल चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार जल्द ही एंटी चिट्टा वॉलंटियर योजना शुरू करने जा रही है। इसके तहत कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, एनसीसी, एनएसएस, युवा क्लबों और जागरूक युवाओं को इस अभियान से जोड़ा जाएगा, ताकि वे नशे के खिलाफ समाज में सक्रिय भूमिका निभा सकें। उन्होंने बताया कि नशे के शिकार लोगों के इलाज और पुनर्वास पर भी सरकार गंभीरता से काम कर रही है। सिरमौर जिले के कोटला बड़ोग में बन रहे पुनर्वास केंद्र के लिए राज्य सरकार ने 20 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की कार्रवाई केवल भाषणों और कार्यक्रमों तक सीमित नहीं है, बल्कि जमीन पर सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि 17 से 19 नवंबर के बीच चले राज्यव्यापी नाका अभियान में 208 विशेष नाके लगाए गए, लगभग 28 हजार वाहनों की जांच की गई, एनडीपीएस एक्ट के कई मामले दर्ज हुए और 33 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इसी तरह 22 नवंबर को पूरे प्रदेश में एक साथ तलाशी अभियान चलाया गया, जिसमें 124 स्थानों पर छापेमारी कर 9 मामलों में 9 आरोपियों को पकड़ा गया।
मुख्यमंत्री ने बताया कि 25 दिसंबर को शैक्षणिक संस्थानों के आसपास की दुकानों पर विशेष अभियान चलाया गया, जिसमें 41 संस्थानों के पास 598 दुकानों की जांच की गई, 12 मामले दर्ज हुए और 385 चालान किए गए। उन्होंने कहा कि बार-बार चिट्टा तस्करी में शामिल लोगों के खिलाफ पीआईटी-एनडीपीएस एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई की जा रही है। 6 और 19 दिसंबर को ऐसे 19 कुख्यात तस्करों को हिरासत में लिया गया है और अब तक इस कानून के तहत 66 अपराधियों पर कार्रवाई हो चुकी है।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि 10 दिसंबर को पुलिस और औषधि विभाग ने प्रदेश की 33 दवा निर्माण इकाइयों का निरीक्षण किया, जिनमें से चार में अनियमितताएं पाई गईं और उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। 12 दिसंबर को राज्य स्तर पर सर्च ऑपरेशन चलाकर 301 युवाओं की जांच और काउंसलिंग की गई। इसके अलावा 15 दिसंबर को चिट्टे से प्रभावित 234 पंचायतों में बैठकें कर पंचायत स्तर पर नशामुक्ति अभियान को मजबूत करने की रणनीति बनाई गई।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा