191 मेगावाट की थौना प्लौन जल विद्युत परियोजना को मिली पर्यावरण मंजूरी

 


मंडी, 11 जनवरी (हि.स.)। मंडी के पास सदर क्षेत्र की कोटली तहसील में कून का तर के पास व्यास नदी में बनने वाली थाना प्लौन जल विद्युत परियोजना को अंतिम पर्यावरणीय मंजूरी मिल जाने से दशकों से लंबित इस परियोजना का काम अब शुरू हो सकेगा। गुरूवार को ही केंद्र सरकार के पर्यावरण, वन एवं क्लाइमेट चेंज विभाग ने इसकी मंजूरी दी।

सहायक निरीक्षक जनरल वन सुनीत भारद्वाज ने इसकी मंजूरी का पत्र जारी किया। इस दशकों से इंतजार में बैठे मंडी जिले, खासकर मंडी सदर की तहसील कोटली के लोगों में खुशी की लहर है क्योंकि यह एक बड़ी परियोजना है जिससे लोगों को रोजगार के साथ साथ अन्य कई लाभ मिलने की उम्मीद है।

इस परियोजना के बांध का पानी मंडी शहर से कुछ दूरी तक आएगा और ऐसे में इससे बनने वाली झील के माध्यम से भी मंडी सदर व द्रंग क्षेत्र के लाखों लोगों को लाभ मिलेगा। इस परियोजना की खासियत यह है कि इसमें विस्थापन न के बराबर है, अधिकांश सरकारी जमीन है जो व्यास नदी के आर पार है। इस परियोजना का निर्माण कार्य सरकार ने हिमाचल प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड को सौंप रखा है जिसने अधिकांश औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं। परियोजना में वन विभाग मंडी व जोगिंदनगर मंडलों की लगभग 406 हेक्टेयर जमीन आएगी जिसकी अंतिम मंजूरी अब मिल चुकी है।

इधर, थाना प्लौन परियोजना की पर्यावरण की अंतिम मंजूरी मिलने पर मंडी सदर के विधायक एवं पूर्व उर्जा मंत्री अनिल शर्मा ने कहा कि स्वर्गीय पंडित सुखराम और उनका अपना सालों पुराना सपना अब धरातल पर उतरने जा रहा है।

उन्होंने कहा कि थौना प्लौन हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट के निर्माण के लिए पूर्ण रूप से फॉरेस्ट क्लीयरेंस आ चुकी है। पहले चरण की क्लीयरेंस पहले मिल चुकी थी परंतु अब पूर्ण रूप से फॉरेस्ट क्लीयरेंस आने से इस परियोजना की अंतिम बाधा को भी पार कर लिया गया है। और अब इस परियोजना को जल्द से जल्द धरातल में उतारने के लिए सदर विधायक लगातार प्रयास है उसका ही नतीजा है जो इस परियोजना को अब फॉरेस्ट क्लियरेंस मिल गई है।

सदर विधायक ने कहा की आज उनके लिए ये एक खुशी के साथ साथ एक भावनात्मक पल भी है कि मेरे स्वर्गीय पिता जी ने बहुत सालों पहले इस परियोजना का सपना देखा था और मैंने उनके इस सपने को पूर्ण करने की सोच के साथ निरंतर इस पर कार्य किया। आज उनके आशीर्वाद से और प्रदेश सरकार के सहयोग से ये परियोजना अब जमीनी स्तर पर उतरने जा रही है।

उन्होंने कहा कि फॉरेस्ट क्लीयरेंस के आ जाने से अब इस परियोजना के निर्माण को गति मिलेगी। इस परियोजना के लिए तुरंत भूमि अधिग्रहण के लिए विभाग को कहा गया है। इस परियोजना के लगने से बेरोजगार युवाओं को रोजगार के साधन उपलब्ध होंगे। इसके साथ साथ सरकार को भी विद्युत उत्पादन से आर्थिकी में भी इजाफा होगा।

हिन्दुस्थान समाचार/ मुरारी/सुनील