हरियाणा में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों व रोहिंग्या के खिलाफ चलेगा अभियान
- सीएम नायब सैनी ने ली प्रदेश के पुलिस अधिकारियों संग की बैठक, नूंह में पुलिस बटालियन तैनात करने के दिए निर्देश
चंडीगढ़, 10 जनवरी (हि.स.)। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने प्रदेश में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों और रोहिंग्या मुसलमानों पर रोक लगाने की कार्रवाई के आदेश दिए हैं। शुक्रवार को मुख्यमंत्री नायब सैनी की अध्यक्षता में हुई पुलिस विभाग की क्राइम बैठक में मुख्यमंत्री ने उन सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश जारी किए, जहां बांग्लादेशी व रोहिंग्या मुसलमान रह रहे हैं।
सीएम सैनी ने कहा कि अपराधिक गतिविधियों में शामिल बदमाशों तथा यहां उनकी मदद करने वालों के विरुद्ध मुहिम चलाकर रीढ़ तोड़ने की जरूरत है। पुलिस को जिन भी संसाधनों की आवश्यकता है, वह सरकार मुहैया करवाएगी। अपराध रोकने में अच्छा काम करने वाले पुलिस कर्मचारियों के लिए पालिसी बनाकर उन्हें सम्मानित करने पर सरकार विचार कर रही है।
मुख्यमंत्री ने हरियाणा में डायल 112 सेवा को सक्षम बनाने और रिस्पांस टाइम को कम करने की जरूरत बताया। उन्हाेंने कहा कि अभी करीब छह मिनट 30 सेकेंड में पुलिस घटनास्थल पर पीड़ित की मदद के लिए पहुंचती है। इस समय को और कम करने की जरूरत है। उन्होंने जानकारी दी कि जिला नूंह में कानून व्यवस्था की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए हरियाणा पुलिस एक बटालियन स्थापित करेगी। नूंह में इसके लिए जमीन आवंटन के लिए डीसी व एसपी को निर्देशित कर दिया गया है, जो जल्द ही अपनी रिपोर्ट सरकार को देंगे।
मुख्यमंत्री ने बताया कि पुलिस को आधुनिकीकरण के लिए 300 करोड़ रुपये खर्च करने का वादा किया था। गृह व पुलिस विभाग को इस संबंध में कार्य योजना बनाने के आदेश दिए गए हैं। राज्य सरकार को प्रस्ताव मिलते ही उसे मंजूर कर दिया जाएगा। इस राशि से पुलिस संसाधनों में बढ़ोतरी होगी। उन्हाेंने कहा कि सरकार के पास ऐसी रिपोर्ट है कि कुछ बदमाश विदेश में बैठकर अपराध कर रहे हैं। उनके गुर्गें यहां बैठे हुए हैं। अभियान चलाकर ऐसे अपराधियों के विरुद्ध कार्रवाई होगी।
राज्य में तीन नये कानून लागू करने में हो रही देरी पर सीएम ने कहा कि भारत न्याय संहिता के तीनों नये कानून हरियाणा में तय समय सीमा से पहले लागू होंगे। हरियाणा पहला राज्य बनेगा, जो इन कानूनों को अपने यहां लागू करेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि 31 मार्च के लक्ष्य के विपरीत हरियाणा सरकार अपने राज्य में 28 फरवरी तक इन्हें लागू कर देगी। उन्होंने मीडिया समूहों से अनुरोध किया कि आपराधिक गतिविधियों में शामिल बदमाशों के फोटो नहीं दिखाए जाने चाहिएं, ताकि युवा पीढ़ी उन्हें देखकर प्रभावित ना हो। हरियाणा सरकार पहले ही प्रदेश में रजिस्ट्रेशन और ट्रैवल एजेंट का विनियमन विधेयक 2024 को मंजूर कर चुकी है, जिसके तहत राज्य में ट्रैवल एजेंटों के अनिवार्य रजिस्ट्रेशन को जरूरी किया गया है। इस कानून के तहत मानव तस्करी के अपराध के लिए 10 साल तक की कैद, दो से पांच लाख रुपये का जुर्माना और संपत्तियों की कुर्की की कड़ी सजा का प्रविधान किया गया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा