मनाेहर लाल की घाेषणा के बावजूद नारनौल में नहीं बना शहीद स्मारक

 

- भाजपा विधायक ओपी यादव ने उठाया मुद्दा

चंडीगढ़, 26 मार्च (हि.स.)। वर्ष 1857 की क्रांति के शहीदों की याद में नारनौल के गांव नसीबपुर में शहीद स्मारक बनाने का मुद्दा बुधवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान गूंजा। मनोहर सरकार में मंत्री रहे और नारनौल विधायक ओम प्रकाश यादव ने 2016 में मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा को लेकर सवाल उठाया। सैनिक और अर्ध-सैनिक कल्याण विभाग के मंत्री राव नरबीर सिंह ने पहले तो स्मारक बनाने से इनकार कर दिया।

नायब सरकार में स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव भी शहीद स्मारक की मांग को लेकर ओपी यादव का समर्थन किया। ओपी यादव ने कहा कि नसीबपुर में 1857 के संग्राम में पांच हजार से अधिक शहीद हुए थे। 2016 में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने यहां शहीद स्मारक बनाने का ऐलान किया था। यादव ने कहा कि उस समय अंबाला कैंट और नसीबपुर में शहीद स्मारक की घोषणा हुई थी। अंबाला कैंट में शहीद स्मारक बन रहा है लेकिन नसीबपुर में घोषणा के बाद भी स्मारक नहीं बनाना शहीदों का अपमान है।

इस पर कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह ने कहा कि सरकार शहीदों का सबसे अधिक सम्मान करती है। शहीदों के सम्मान पर ही सरकार बनी है। सरकार ने जिला मुख्यालय पर शहीद स्मारक बनाए हैं। वहीं गांवों में बने या बनाए जा रहे शहीद स्मारकों की देखरेख का जिम्मा ग्राम पंचायतों को दिया हुआ है। स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने भी नसीबपुर का मुद्दा उठाया। इस पर राव नरबीर सिंह ने कहा कि सरकार चैक कराएगी। अगर इस तरह की मुख्यमंत्री की कोई घोषणा हुई होगी तो शहीद स्मारक बनवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि वे खुद भी उसी क्षेत्र से आते हैं और वे भी शहीदों का सम्मान करते हैं। भिवानी के रोहनात में भी सरकार द्वारा शहीद स्मारक बनवाया गया है।

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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा