जींद : वीर बाल दिवस के उपलक्ष में सैंड ऑफ आर्ट शो का हुआ आयोजन
जींद, 17 दिसंबर (हि.स.)। प्रदेश सरकार की तरफ से वीर बाल दिवस के उपलक्ष में बुधवार को लोर्ड शिवा पब्लिक स्कूल में सैंड ऑफ आर्ट शो का आयोजन किया गया। इस 40 मिनट के सेंड ऑफ आर्ट शो में मुगलों के जुल्म और चार साहिबजादों की वीर गाथा को युवा पीढ़ी के समक्ष रखा गया। इस सैंड आफ आर्ट शो का आयोजन वीर बाल दिवस के उपलक्ष में हरियाणा के कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग की तरफ से आयोजित किया गया। सैंड ऑफ आर्ट शो का शुभारंभ जिला विज्ञान विशेषज्ञ रणधीर सिंह ने किया।
इस सैंड ऑफ आर्ट शो में एनएसबी के कलाकार ओमप्रकाश ने 10वीं पातशाही श्री गुरु गोबिंद सिंह के चार साहिबजादों के जन्म, खालसा पंथ की स्थापना के बाद मुगल शासकों, सरहिंद के सूबेदार वजीर खां द्वारा आक्रमण के बाद 20-21 दिसंबर 1704 को मुगल सेना से युद्ध करने के लिए गुरु गोबिंद सिंह ने परिवार सहित श्री आनंदपुर साहिब किले को छोडऩा, सरसा नदी पर जब गुरु गोबिंद सिंह के परिवार बिछडऩे को दिखाया गया।
कलाकार ओमप्रकाश ने सैंड आर्ट शो के माध्यम से बताया कि किस प्रकार गंगू ने लालच में आकर तुरंत वजीर खां को गोबिंद सिंह की माता और छोटे साहिबजादों के उसके यहां होने की खबर दे दी। जिसके बदले में वजीर खां ने उसे सोने की मोहरें भेंट की। खबर मिलते ही वजीर खां के सैनिक माता गुजरी और सात वर्ष की आयु के साहिबजादा जोरावर सिंह और पांच वर्ष की आयु के साहिबजादा फतेह सिंह को गिरफ्तार करने गंगू के घर पहुंच गए।
उन्हें लाकर ठंडे बुर्ज में रखा गया और उस ठिठुरती ठंड से बचने के लिए कपड़े का एक टुकड़ा तक ना देना, रातभर ठंड में ठिठुरने के बाद सुबह होते ही दोनों साहिबजादों को वजीर खां के सामने पेश किया गया। जहां भरी सभा में उन्हें इस्लाम धर्म कबूल करने को कहा गया। सभा में पहुंचते ही बिना किसी हिचकिचाहट के दोनों साहिबजादों ने जोर से जयकारा लगाया जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल। यह देख सब दंग रह गए। 27 दिसंबर सन् 1704 को दोनों छोटे साहिबजादे और जोरावर सिंह व फतेह सिंह जी को दीवारों में चुनवा दिया गया।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / विजेंद्र मराठा