जरासंध का टीला विकास के लिए एएसआई से मिलकर करेंगे प्रयास: डाॅ अरविंद शर्मा

 


चंडीगढ़, 19 दिसंबर (हि.स.)। हरियाणा के विरासत एवं पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने विधानसभा में कहा कि करनाल जिले के असंध क्षेत्र में स्थित कुषाण काल से संबंधित प्राचीन एवं विशालकाय बौद्ध स्तूप (जरासंध का टीला) भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई), भारत सरकार के अधीन संरक्षित स्मारक है। जनभावनाओं के अनुकूल इस संरक्षित स्थल पर पार्क विकसित करने के संबंध में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के साथ मिलकर कोशिश की जाएगी।

डॉ.अरविंद शर्मा शुक्रवार काे विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन असंध से विधायक योगेन्द्र सिंह राणा द्वारा पूछे गए प्रश्न के उत्तर में सदन को अवगत करा रहे थे। उन्होंने बताया कि यह स्थल प्राचीन स्मारक एवं पुरातात्विक स्थल और अवशेष अधिनियम, 1958 के अंतर्गत संरक्षित है, इसलिए स्मारक एवं इसके आसपास के क्षेत्र का विकास केवल भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा ही किया जा सकता है। इस कारण इसे अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध सर्किट में शामिल करने अथवा पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का कोई प्रस्ताव वर्तमान में राज्य सरकार के विचाराधीन नहीं है।

पर्यटन एवं विरासत मंत्री डाॅ अरविंद शर्मा ने स्पष्ट किया कि चूंकि यह स्थल केंद्रीय संरक्षण में है, इसलिए राज्य के पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग की ओर से इस संबंध में कोई कार्रवाई लंबित नहीं है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि कुषाण स्तूप के अवशेषों के अतिरिक्त, असंध स्थित जरासंध किले के क्षेत्र में सतही अन्वेषण के दौरान पेंटेड ग्रे वेयर मिट्टी के बर्तन, प्रारंभिक ऐतिहासिक काल के सिक्के तथा मध्यकालीन पुरावशेष भी प्राप्त हुए हैं। कैबिनेट मंत्री डॉ अरविंद शर्मा ने यह भी आश्वासन दिया कि सरकार भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के साथ समन्वय स्थापित कर इस स्थल के सौंदर्यकरण की संभावनाओं पर प्रयास करेगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा