जगमालवाली डेरा प्रमुख महाराज बहादुर चंद का निधन, कल हाेगा अंतिम संस्कार
सिरसा, 1 अगस्त (हि.स.)। जिले के डेरा जगमालवाली के प्रमुख महाराज बहादुर चंद वकील का गुरुवार सुबह निधन हो गया। वे पिछले एक साल से बीमार थे। उनका दिल्ली के मैक्स अस्पताल में इलाज चल रहा था। आज दोपहर करीब 3.30 बजे उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए जगमाल वाली डेरा में रखा जाएगा। शुक्रवार सुबह उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। डेरा प्रमुख के निधन के बाद डेरा में 3 से 4 अगस्त तक होने वाला वार्षिक समागम रद्द कर दिया गया है। ऐसा पहली बार होगा कि जब डेरा में कोई भी वार्षिक समागम नहीं होगा।
एक दिन पूर्व डेरा प्रबंधन ने बताया था कि महाराज का स्वास्थ्य स्थिर बना है। इसलिए भक्तों से अनुरोध है कि वे अस्पताल आने के बजाय महाराज के शीघ्र ठीक होने के लिए सिमरन करें और अफवाहों पर ध्यान न दें।
संत बहादुर चंद मूल रूप से चौटाला गांव के रहने वाले थे। उनका जन्म 10 दिसंबर 1944 को चौटाला में ही हुआ था। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई गांव के ही स्कूल से की। इसके बाद उन्होंने हिसार के दयानंद कॉलेज से आगे की पढ़ाई की।
यहां वे आर्य समाज प्रचारणी सभा के अध्यक्ष बने। इसके बाद उन्होंने चंडीगढ़ के लॉ कॉलेज से स्नातक किया। 1968 में लॉ की पढ़ाई पूरी करने के बाद वे डेरा जगमालवाली में शामिल हो गए। 9 अगस्त 1998 को संत बहादुर चंद को डेरे की गद्दी सौंपी गई और तब से वे मस्ताना शाह बलूचिस्तानी डेरा जगमालवाली के प्रमुख हैं। जगमालवाली 300 साल पहले बसा था, जो मंडी से 8 किलोमीटर की दूरी पर है।
60 साल पहले बना था बलूचिस्तानी आश्रम
डेरा की शुरुआत 1964-65 में हुई जब बाबा सज्जन सिंह रूहल ने संत गुरबख्श सिंह मैनेजर साहिब को अपनी कई एकड़ जमीन दान में दी और डेरा बनाने का अनुरोध किया। जिस पर संत गुरबख्श सिंह मैनेजर साहिब ने यहां मस्ताना शाह बलूचिस्तानी आश्रम की स्थापना की। पहले छोटा सा आश्रम अब करीब 100-100 फीट का सचखंड बनाया गया है। इसकी खासियत यह है कि इसमें कोई स्तंभ नहीं बना है। वर्तमान में डेरे की गद्दी संत बहादुर चंद वकील साहिब के पास है।
डेरा के संस्थापक गुरुबख्श सिंह मैनेजर साहब की वसीयत के अनुसार उन्होंने बहादुर चंद वकील साहब को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया था, लेकिन वकील साहब के बाद डेरा का उत्तराधिकारी कौन होगा, इस बारे में कोई जानकारी सामने नहीं आ रही है। बहादुर चंद को डेरा प्रमुख बनाए जाने के बाद गुरुबख्श सिंह के बेटे रघुबीर सिंह ने खुशपुर गोरीवाला में नया डेरा शुरू किया, जिसका प्रबंधन अब चंद महात्मा कर रहे हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / रमेश डाबर / सुनील कुमार सक्सैना