कृषि व एमएसएमई को ऋण देने पर केंद्रित होंगी नाबार्ड की योजनाएं

 


अगले वित्त वर्ष में कर्ज के बजट अनुमान पर जारी किया फोकस पेपर

हरियाणा में 2.28 लाख करोड़ का ऋण देने का लक्ष्य

चंडीगढ़, 5 मार्च (हि.स.)। राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने आगामी वित्त वर्ष के लिए कर्ज के बजट अनुमानों का ऐलान कर दिया है। जिसमें कृषि तथा एमएसएमई क्षेत्र को टॉप पर रखा गया है।

नाबार्ड की तरफ से मंगलवार को चंडीगढ़ में आयोजित किए गए कार्यक्रम के दौरान वर्ष 2024-25 के लिए हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने स्टेट फोकस पेपर जारी किया है। जिसमें आगामी वित्त वर्ष के दौरान हरियाणा में दो लाख 27 हजार 821 करोड़ के ऋण दिए जाने का अनुमान जताया गया है, जोकि पिछले वर्ष की तुलना में 32.76 प्रतिशत अधिक है। इसमें से कृषि क्षेत्र के लिए रुपये 1.02 लाख करोड़ ऋण का अनुमान लगाया गया है। करीब-करीब इतनी ही राशि एमएसएमई क्षेत्र के लिए रखी गई है।

इस अवसर पर नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक रघुनाथ बी ने वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों, बैंकरों, विश्वविद्यालयों और अन्य अधिकारियों से आहवान किया कि वह कृषि में भूमि विकास, सिंचाई, कृषि-बाजार आदि के लिए पूंजी निवेश और कृषि के लिए सडक़, बिजली, परिवहन आदि में पूंजी निवेश सुनिश्चित करने के लिए केंद्रित और लक्षित दृष्टिकोण को अपनाएं। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कहा कि वर्ष 2023-24 के दौरान हरियाणा ने कृषि क्षेत्र में देश में सर्वाधिक 8.1 प्रतिशत की विकास दर दर्ज की है। हरियाणा में 31 दिसंबर 2023 तक बैंकों ने कुल रुपये एक लाख 79 हजार 390 करोड़ का ऋण वितरित किया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 33 प्रतिशत अधिक है।

उन्होंने कहा कि नाबार्ड ने चालू वित्त वर्ष के दौरान हरियाणा सरकार और उसकी एजेंसियों को कुल 1144 करोड़ की रियायती वित्तीय सहायता दी की हैं ताकि कृषि और ग्रामीण विकास में आधारभूत संरचना का विकास किया जा सके। कौशल विकास और क्षमता निर्माण सहित राज्य में विभिन्न कृषि और गैर-कृषि क्षेत्र गतिविधियों के लिए नाबार्ड ने रुपये 6.35 करोड़ का वित्तीय अनुदान भी दिया है।

हिन्दुस्थान समाचार/संजीव/सुनील