कुरुक्षेत्र तथा भागवत गीता को मिली वैश्विक पहचान:गीता मनीषी

 


-कुरुक्षेत्र की धार्मिक व पर्यटन स्थल के रूप में अंतरराष्ट्रीय पहचान बढ़ी : गीता मनीषी

चंडीगढ़, 3 नवंबर (हि.स.)। गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद ने कहा है कि सरकार द्वारा गीता जयंती महोत्सव का आयोजन शुरू किए जाने के बाद कुरुक्षेत्र तथा भागवत गीता को वैश्विक पहचान मिली है। कुरुक्षेत्र की धार्मिक मान्यता तथा पर्यटन स्थल के रूप में अंतरराष्ट्रीय पहचान बढ़ी है। स्वामी ज्ञानानंद सोमवार को चंडीगढ़ में अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव के उपलक्ष्य में चंडीगढ़ में आयोजित प्रेस कांफ्रैंस को संबोधित कर रहे थे।

वर्ष 2014 के बाद हो रहे नियमित आयोजन के बाद कुरुक्षेत्र में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। कुरुक्षेत्र का स्वरूप बदला है। उन्होंने कहा कि पहले सूर्य ग्रहण या अन्य किसी बड़े आयोजन तक सिमटा हुआ था। हालांकि आदि काल से ही कुरुक्षेत्र का हमारे देश के तीर्थों में अलग महत्व रहा है लेकिन देश के लोगों का इस तरफ रुझान नहीं था। कुरुक्षेत्र पहले कभी तीर्थ के रूप में नहीं उभर पाया था, लेकिन अब गीता जयंती के राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय आयोजनों के बाद यहां सारा साल आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि हुई है। कुरुक्षेत्र अब धार्मिक तीर्थ के रूप में देश-विदेश के लोगों के आकर्षण का केंद्र बना है। अब सामान्य दिनों में भी भारत के प्रत्येक प्रांत से लोगों के समूह कुरुक्षेत्र में आते हैं। देश के कई प्रबुद्ध कथा वाचकों के यहां कथा करने के लिए नियिमित आवेदन आने लगे हैं। यह बहुत बड़े बदलाव का संकेत है।

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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा