झज्जर जिला से शुरू हुई शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की धर्म जागरण यात्रा
-हरियाणा में 22 जिलों समेत 24 स्थानों का करेंगे दौरा
-हरियाणा में की जाएगी 24 अवतारों के मंदिरों की स्थापना
झज्जर, 26 अक्टूबर (हि.स.)। ज्योतिषपीठ के जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने ज्योतिषपीठ के प्रमुख का दायित्व संभालने के बाद उत्तर भारत के अपने क्षेत्र में गुरुवार को धर्मयात्रा की शुरुआत बहादुरगढ़ से की। उन्होंने कहा कि धर्म जोड़ता है, इसलिए धर्म से विमुख न होने की कोशिश न करें। अपने हरियाणा प्रवास के दौरान शंकराचार्य प्रदेश के 22 जिलों समेत 14 स्थानों का दौरा करेंगे।
इसी को ध्यान में रखते हुए शंकराचार्य ने हरियाणा में 24 अवतारों के मंदिर स्थापित करने की घोषणा की। ये मंदिर स्थानीय श्रद्धालुओं के सहयोग से बनाए जाएंगे। झज्जर जिले में राजा पृथु का मंदिर बनेगा। शंकराचार्य अन्य सभी जिलों में मंदिर बनाने की घोषणा उन्हीं जिलों में आयोजित धर्मसभा में करेंगे। कसार स्थित गायत्री पीठ में शंकराचार्य ने धर्मसभा को संबोधित किया। धर्मप्रेमियों को संबोधित करते हुए उन्होंने देश में धार्मिक वातावरण को अधिक प्रबल बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जिस तरह धर्म पुत्र को पिता से, पति को पत्नी से और मित्र को मित्र से जोड़ता है उसी तरह देश को भी अखंड रखने के लिए लोगों के दिलों को जोड़ता है। धर्म घटेगा तो हम बिखर जाएंगे। विधर्मी और दुश्मन हमारी धर्म से विमुखता का फायदा उठाएंगे। शंकराचार्य ने गाय को राष्ट्रमाता घोषित करने की मांग को लेकर आगामी गोपाष्टमी से शुरू हो रहे आंदोलन में जुड़ने को प्रेरित किया।
सिसाय और कालीरावण में भी बनेंगे मंदिर
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि ज्योतिष्ठपीठ का दायित्व संभालने के बाद अपने उत्तर भारत के पहले दौरे के दौरान 24 अवतारों में श्रद्धा के अनुसार वह हरियाणा में 24 स्थानों पर धर्मजागरण सभाएं करेंगे। इनमें 22 जिलों को अलावा प्रदेश के सबरसे बड़े गांव हिसार जिले को कालीरावण व सिसाय का भी दौरा करेंगे। उन्होंने सभी 22 जिलों और इन दो बड़े गांवों में भगवान के अवतारों के मंदिर बनवाने की घोषणा की। पहला मंदिर राजा पृथु का होगा और यह झज्जर जिला में बनाया जाएगा। शंकराचार्य ने कहा कि ये 24 मंदिर प्रदेश के धर्म प्रेमियों को एक सूत्र में बांधने के लिए सहायक होंगे।
शंकराचार्य का हुआ भव्य स्वागत
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने अपने समस्त उत्तर भारत के प्रवास की शुरुआत हरियाणा से की है। राज्य सरकार ने उनके राजकीय अतिथि घोषित किया है। इसलिए पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध करवाई है। कसारेश्वर महादेव मंदिर से गायत्री पीठ तक शंकराचार्य महिलाओं की लंबी कलशयात्रा के साथ पहुंचे। गायत्री पीठ में आचार्य हुकमचंद मुदगल और एडवोकेट राहुल देव समेेत हजारों धर्मप्रेमियों ने शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद का स्वागत किया।
हिन्दुस्थान समाचार/ शील/संजीव