हिसार: अब ट्रॉली की मदद से पशुओं को डाल सकेंगे चारा, पिला सकेंगे पानी
हिसार, 27 मई (हि.स.)। हिसार स्थित हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय को मोटाइल कैटल फीडिंग ट्रॉली नामक डिजाइन किए गए उत्पाद पर दस साल का डिजाइन अधिकार मिला है। भारतीय पेटेंट कार्यालय की ओर से जारी डिजाइन प्रमाण पत्र में इस उत्पाद को 371981-001 पंजीकरण संख्या प्रदान की गई।
मोटाइल कैटल फीडिंग ट्रॉली का डिजाइन विश्वविद्यालय के मानव संसाधन प्रबंधन निदेशक डा. मंजू महता की देखरेख में शोधार्थी खुशबू ने किया। कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज ने सोमवार को इस उपलब्धि के लिए उन्हें बधाई व शुभकामनाएं दी। महिलाओं को चारा डालने में सबसे ज्यादा समस्या होती है, इसलिए ऐसे कार्य को करने के लिए उपयुक्त साधन की जरूरत होती है। इन्ही बातों को ध्यान में रखते हुए मोटाइल कैटल फीडिंग ट्राली (पशु चारा ट्राली) बनाई गई है। यह ट्रॉली आयरन शीट और रबड़ से बनी हुई है। इसमें एक पहिया, एक बेरो, पीछे दो स्टेंड और दो हैंडल हैं, ताकि उपयोगकर्ता पर लोड के वजन को कम किया जा सके।
ट्रॉली का इस्तेमाल हम चारा डालने के साथ-साथ पशुओं को पानी पिलाने के लिए भी कर सकते हैं। मोटाइल कैटल फीडिंग ट्राली ऐसा साधन है, जिसमें चारा आसानी से उठाया जा सकता है। आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है। इस ट्रॉली में चारा व पानी आसानी से जहां पशु बंधे होते हैं, वहां ले जाया जा सकता है। जिससे महिलाओं की कार्यक्षमता बढ़ेगी तथा उनके समय एवं उर्जा की बचत होगी। इससे मांसपेशियों एवं हड्डियों पर कम दबाव पड़ेगा।
हिन्दुस्थान समाचार/राजेश्वर/सुमन/संजीव