हिसार की बेटी मोक्षदा चौधरी अपनी प्रतिभा से सभी क्षेत्रों को कर रही प्रेरित
विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्रदर्शित कर प्रेरणा की किरण बनकर उभरी
हिसार, 15 मार्च (हि.स.)। हिसार की बेटी और प्रतिभा की धनी 15 वर्षीय मोक्षदा चौधरी विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्रदर्शित कर प्रेरणा की किरण बनकर उभरी हैं। मजबूत सैन्य पृष्ठभूमि वाले परिवार से ताल्लुक रखने वाली मोक्षदा भारतीय सेना में एक सेवारत अधिकारी की बेटी है। शहर के एक निजी स्कूल में ग्यारहवीं कक्षा की छात्रा मोक्षदा की उपलब्धियां विविध आयामों तक फैली हुई हैं, जो खेल, साहित्य, संगीत, सामाजिक कार्य और आर्थिक विश्लेषण में उनके कौशल को उजागर करती है।
मोक्षदा ने दो वर्षों से खुद को राष्ट्रीय स्तर की तलवारबाजी खिलाड़ी के रूप में साबित किया है। उन्होंने एशियाई खेलों के लिए रिजर्व नम्बर 1 का प्रतिष्ठित रैंक हासिल किया है। विशेष रूप से उन्होंने हाल ही मे खेलों एमपी नेशनल गेम्स 2023 में व्यक्तिगत सेबर श्रेणी में रजत पदक हासिल किया, जो खेल में उनके समर्पण और कौशल को दर्शाता है। एक उत्साही कवि और लेखक, मोक्षदा पहले ही चार पुस्तकें प्रकाशित कर चुकी हैं। उनकी साहित्यिक यात्रा का समापन द डेक्कन लिटरेचर फेस्टिवल 2022 में उनकी पहली पुस्तक ‘द म्यूजिंग ऑफ चिमेरा’ के विमोचन के साथ हुआ। कविताओं का संग्रह उनके स्वयं के चित्रों के साथ मिलकर, विभिन्न विषयों पर उनके विचारों, भावनाओं और विचारों को दर्शाता है। पुस्तक को बाद में आवा साहित्य महोत्सव और पुणे अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक मेले में प्रदर्शित किया गया था।
शास्त्रीय गायन गायिका, अर्थशास्त्री और विपुल लेखिका
लिखित शब्द से परे, मोक्षदा एक शास्त्रीय गायक भी हैं। उनकी संगीत प्रतिभा ने विभिन्न कार्यक्रमों की शोभा बढ़ाई है जहां उन्होने दर्शकों के साथ अपने मधुर भाव सांझा किए हैं। ग्यारहवी कक्षा में अर्थशास्त्र का अध्ययन करते हुए मोक्षदा अपने विश्लेषणात्मक कौशल को आर्थिक लेखों में शामिल करती है। उनके व्यावहारिक लेखन को प्रमुख समाचार पत्रों में एक मंच मिला है जो आर्थिक मामलों पर प्रवचन में योगदान देता है।
परोपकार और सामुदायिक सेवा की भावना
मोक्षदा सक्रिय रूप से अपने एनजीओ, ‘द केयर टेकर्स सोसाइटी’ के माध्यम से सामुदायिक सेवा में संलग्न हैं। उसने विशेष जरूरतों वाले बच्चों को समर्पित कार्यक्रमों का आयोजन और नेतृत्व किया है, समावेशिता और खुशी को बढ़ावा दिया है। कारण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता इन बच्चों के लिए संवेदी अनुकूल गतिविधियों, खेल और मनोरंजन की योजना में स्पष्ट है।
हिन्दुस्थान समाचार/राजेश्वर/संजीव