झज्जर: 25 साल बाद सलाखों के पीछे पहुंचे युवक के हत्यारे
-यूपी के बंदायू के हैं वीरपाल और सुखराज
-वर्ष 1998 में झज्जर के सिलाना गांव की बणी में किया था महेन्द्र सिंह का कत्ल
झज्जर, 1 जनवरी (हि.स.)। जिले में आज से करीब 25 साल पहले हुए कत्ल के एक मामले में पुलिस की सीआईए-2 बहादुरगढ़ ने 25 साल से कानून की आंखों में धूल झोंकते चले आ रहे दो कातिलों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचाया है। एक आरोपी को पंजाब के होशियारपुर से और दूसरे को गुरुग्राम से दबोचा गया है। दोनों उत्तर प्रदेश के बंदायू के हैं।
पुलिस उपाधीक्षक शमशेर सिंह ने सोमवार को पत्रकारों को बताया कि बहादुरगढ़ सीआईए 2 के इंस्पेक्टर विवेक मलिक की टीम ने पंजाब के होशियारपुर क्षेत्र से वीरपाल सिंह और गुरुग्राम क्षेत्र से सुखराज निवासीगण विजय नगला बदायूं को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है। दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करके बहादुरगढ़ लाया गया है और सोमवार को अदालत में पेश करके न्यायिक हिरासत में भेज दिया। शमशेर सिंह ने बताया कि उपरोक्त दोनों ने अपने दो अन्य साथियों के साथ मिलकर करीब 25 साल पहले 1998 में झज्जर के गांव सिलाना में अपने ही गांव के महेंद्र सिंह नाम के व्यक्ति का कत्ल किया था और उसके बाद से ये लोग अंडरग्राउंड चल रहे थे।
उप-अधीक्षक के मुताबिक, झज्जर के गांव सिलाना की बणी में 11 अगस्त 1998 की सुबह एक व्यक्ति की लाश पड़ी मिली थी। गांव का रहने वाला संजय उर्फ टोनी अपने पशुओं को चराने के लिए बणी में लेकर गया था। वहां संजय ने करीब 25/30 साल के एक नौजवान की लाश पड़ी देखकर चौकीदार साधुराम को बताया और फिर झज्जर जिला पुलिस को इसकी सूचना दी गई। पुलिस ने मौका मुआयना कर पाया कि युवक की हत्या अंगोछे (परने) से गला घोंटकर की गई थी।
आरोपियों से पूछताछ में पता लगा कि महेंद्र का इसलिए कत्ल किया गया था। वह शराब पीने का आदी था और जब वे लोग सोनीपत के हरसाना कलां गांव में मशरूम फार्म में रहते थे तो महेंद्र अक्सर उन लोगों के साथ शराब के नशे में मारपीट करता था, जिससे वह सभी तंग आ गए थे। उन्होंने योजना बनाकर महेंद्र को बहाने से झज्जर के सिलाना गांव की बणी में ले गए। वहां पर अंगोछे से गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी थी। अमर सिंह और जयराम पहले झज्जर जिले में काम करके गए हुए थे। इसलिए वह सिलाना इलाके से अच्छी तरह से वाकिफ भी थे।
हिन्दुस्थान समाचार/ शील/संजीव