हिसार में एकत्रित होंगे देश के कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपति

 


49वां कुलपति सम्मेलन 5 जनवरी से एचएयू में

हिसार, 24 दिसंबर (हि.स.)। यहां का हरियाणा कृषि

विश्वविद्यालय भारतीय कृषि विश्वविद्यालय एसोसिएशन (आईएयूए) के सहयोग से 5-6 जनवरी,

2026 को 49वें कुलपति सम्मेलन का आयोजन करेगा। इसका विषय खेत से भविष्य तक: कृषि में

नए आयामों की खोज है। इसके दो उप विषय भी होंगे ‘विकसित भारत 2047: कृषि संस्थानों

की भूमिका और योगदान’ व ‘सतत कृषि भविष्य के लिए परंपरा और प्रौद्योगिकी

का सामंजस्य’। इस सम्मेलन में देश के कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपति शामिल होंगे।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बलदेव राज कम्बोज

ने बुधवार काे बताया कि इस दौरान कृषि, बागवानी, पशुपालन और मछली पालन क्षेत्रों से संबंधित विभिन्न

मुद्दों, खाद्य सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और किसानों के कल्याण के लिए विभिन्न विषयों

पर चर्चा होगी। इसका उद्देश्य विकसित भारत-2047 और उससे आगे के लिए एक व्यापक रूपरेखा

तैयार करना है। इस सम्मेलन में कुलपतियों और अधिकारियों के बीच सार्थक चर्चा से सतत

आधार पर खाद्य व पोषण सुरक्षा तथा किसानों के कल्याण को सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।

भारतीय कृषि विश्वविद्यालय संघ (आईएयूए) की स्थापना 10 नवंबर 1967 को की गई थी। जिसका

मुख्य उद्देश्य विश्वविद्यालयों और राज्यों में कृषि अनुसंधान, शिक्षा और प्रसार को

बढ़ावा देना व देश में ग्रामीण विकास को प्रोत्साहित करना है। मानव संसाधन प्रबंधन निदेशक डॉ. रमेश यादव ने

बताया कि हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में इस सम्मेलन का आयोजन एक प्रमुख कार्यक्रम

है क्योंकि हाल ही में हकृवि को राष्ट्रीय कृषि शिक्षा प्रत्यायन बोर्ड (नैब), आईसीएआर,

नई दिल्ली द्वारा ए+ मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय का दर्जा मिला है।

विश्वविद्यालय को जल संरक्षण में बेहतरीन

कार्य करने के लिए सर्वश्रेष्ठ संस्थान के रूप में महामहिम राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय

जल पुरस्कार 2024 से सम्मानित किया गया है। एनआईआरएफ-2025 में विश्वविद्यालय ने देश

के कृषि विश्वविद्यालयों में 5वीं और सभी कृषि संस्थान श्रेणी में 10वीं रैंकिंग प्राप्त

की है। बता दें कि विश्वविद्यालय कृषि अनुसंधान में अग्रणी है और अब तक 305 विभिन्न

फसलों की किस्मों का विकास किया जा चुका है। इसके साथ-साथ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय

संस्थानों के साथ 655 एमओयू/सहमति पत्र भी किए गए हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर