बदल गए कानून, अब नए कानूनों के तहत कार्रवाई करेगी पुलिस : दीपक सहारण
एसपी ने अपराध गोष्ठी में की विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा
हिसार, 30 जून (हि.स.)। पुलिस अधीक्षक दीपक सहारण ने कहा है कि कानूनों में बदलाव हो रहा है। एक जुलाई को या इसके बाद कोई शिकायत आती है तो उस पर नए कानूनों के तहत कार्रवाई होगी।
दीपक सहारण रविवार को आधिकारिक मेस में अपराध समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। इसमे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार मोहन, सभी पुलिस उप अधीक्षक, थाना, चौकी और अपराध यूनिट प्रभारी शामिल हुए। उन्होंने कहा कि एक जुलाई से इंडियन पैनल कोड (आईपीसी) की जगह भारतीय न्याय संहिता, क्रिमिनल प्रोसीजर कोड (सीआरपीसी) की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू हो जाएगा। सभी थाना प्रबंधकों को नए कानूनों से संबंधित किताबें उपलब्ध करवाई गई है। पुलिस थानों में तैनात सभी कंप्यूटर ऑपरेटर, थाना मोहरर को भी प्रशिक्षित किया गया है।
अपराध समीक्षा गोष्ठी में पुलिस अधीक्षक दीपक सहारण ने आपराधिक आंकड़ों की तुलनात्मक समीक्षा करते हुए पिछली अपराध समीक्षा गोष्ठी में उठाए गए बिंदुओ पर थानावार चर्चा की।उन्होंने कहा कि थाना में आने वाली सभी शिकायतों का समय पर निस्तारण करें। थाने में आने वाली प्रत्येक शिकायत का विधिवत रूप से इंद्राज कर शिकायतकर्ता को उसकी रसीद देना सुनिश्चित करें व उस पर तुरंत कार्रवाई की जाए। लंबित पीएम, सीएम व एचएम विंडो और सरल पोर्टल पर आई शिकायतों का समयावधि में निपटारा करें। उन्होंने कहा कि सभी शिकायतों का फीडबैक लिया जा रहा है जिस पर विशेष नजर रखी जा रही है।
अपराध समीक्षा गोष्ठी में सहायक पुलिस अधीक्षक डॉ. राजेश कुमार मोहन ने उपस्थित पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को नए तीनों कानूनों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि नए कानूनों की जानकारी हर किसी को होनी चाहिए।
पुलिस अधीक्षक ने सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिए कि सभी थानों में आगंतुक रजिस्टर लगाएं व थाने में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति की एंट्री करें। नशीले पदार्थों का व्यापार करने वालो के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर बरामदगी सुनिश्चित करें, नशा करने के हॉटस्पॉट की पहचान करें व नशे के आदी नागरिकों की पहचान कर उनका इलाज करवाए।
सार्वजनिक स्थानों पर शराब का सेवन, जुआ या किसी भी तरह को अनैतिक गतिविधियां अपने क्षेत्र में न चलने दें। अपना काम ईमानदारी से करें, सभी थाना प्रबंधक और चौकी प्रभारी अपने अपने क्षेत्र में दुष्चरित्र व्यक्तियों की निगरानी करे। आपराधिक प्रवृति के व्यक्तियों पर लगातार कार्रवाई करते हुए हिस्ट्रीशीट खोलें। इन आदतन अपराधियों को लगातार चेक करते रहे व इनके खिलाफ आपराधिक मामलों की जांच की जाए।
पुलिस कर्मचारियों के कल्याण बारे में भी चर्चा करते हुए पुलिस अधीक्षक ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि थाने में पुलिस कर्मचारियों के किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होनी चाहिए। उनके स्वास्थ्य व सेहत का ध्यान रखते हुए अपने स्तर पर जरुरी कदम उठाएं। जो भी पुलिस कर्मचारी या उनके परिवार का सदस्य नशे से पीड़ित है उसका इलाज करवाया जाएगा। हमें पुलिस की छवि को और अधिक बेहतर बनाने की दिशा मे कार्य करना है। किसी भी प्रकार की समस्या होने पर बिना किसी संकोच के उनसे मिल सकते है।
हिन्दुस्थान समाचार/राजेश्वर/संजीव