हिसार: चौ. छोटूराम ने किसानों को दिया जमीदार कहलाने का हक: कैप्टन अभिमन्यु

 


हमें प्रधानमंत्री के विकसित भारत के सपने को साकार करना है : प्रो. नरसीराम

हिसार, 16 फरवरी (हि.स.)। हरियाणा के पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि दीनबंधु चौ. छोटूराम ने ही किसान को सिर पर पगड़ी और जमीदार कहलाने का हक दिया है। चौ. छोटूराम ने किसानों के साथ-साथ दलित-मजदूर तथा अन्य वर्गों के अधिकारों के लिए कानून बनाए तथा संघर्ष किया। वे शुक्रवार को बसंत पंचमी एवं चौ. छोटूराम जयंती के उपलक्ष्य में विकसित भारत के लिए सर छोटूराम जी की विचारधारा का महत्व’ विषय पर समारोह को संबोधित कर रहे थे।

समारोह की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसीराम बिश्नोई ने की, पदमश्री अवार्डी प्रो. रामचंद्र सिहाग व विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. विनोद छोकर विशिष्ट अतिथि रहे। गुजवि-जीवन के कार्यक्रारी प्रधान प्रो. ओपी सांगवान संयोजक तथा विशेष आमंत्रित वक्ता राजकीय महाविद्यालय नलवा से आचार्य दीपक थे। जिला परिषद् चेयरमैन सोनू सिहाग आमंत्रित अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

कैप्टन अभिमन्यु ने बसंत पंचमी के महत्व तथा चौ. छोटूराम के जीवन से संबंधित संस्मरणों तथा घटनाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला तथा कहा कि उनके जन्मोत्सव पर हमें शिक्षा, विद्या और ज्ञान अर्जित करने का संकल्प लेना चाहिए। चौ. छोटूराम का मानना था कि किसानों के पास कृषि के साथ-साथ वैकल्पिक रोजगार भी होना चाहिए तभी उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत किया जा सकता है।

कुलपति प्रो. नरसी राम ने अपने संबोधन में कहा कि बसंत पंचमी सुखद ऋतु परिवर्तन का त्यौहार है। हमें चौ. छोटूराम के जीवन व सिद्धांतों से प्रेरणा लेते हुए विकसित भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वप्न को साकार करना है। विश्वविद्यालय युवाओं में कौशल तथा उद्यमियता का विकास करने के लिए प्रतिबद्ध है। खुद को अपडेट रखना है तथा प्रकृति संरक्षण तथा राष्ट्र के विकास के लिए कार्य करना है।

प्रो. रामचंद्र सिहाग ने अपने संबोधन में कहा कि किसान समृद्ध होगा तभी देश समृद्ध होगा। बजट का कम से कम 10 प्रतिशत हिस्सा सीधा किसान के फायदे के लिए खर्च किया जाना चाहिए। कार्यक्रम में कुलसचिव प्रो. विनोद छोकर ने भी विचार रखे। प्रो. ओपी सांगवान ने स्वागत संबोधन में कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी दी। विश्वविद्यालय के गैर कर्मचारी संघ के पूर्व प्रधान चरणदास अठवाल ने अपने विचार रखे जबकि देवेंद्र राणा ने धन्यवाद किया। कार्यक्रम का संचालन सुरेंद्र पूनिया ने किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय परिसर में हवन यज्ञ हवन यज्ञ का आयोजन भी किया गया। कुलपति प्रो. नरसीराम बिश्नोई यज्ञ के मुख्य यजमान रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/राजेश्वर/संजीव