सोनीपत: नई नीति बनने तक हाईटेंशन लाइन के टावर लगाने का काम बंद
-किसानों पर लगे केस रद्द खत्म करने के लिए महापंचायत ने दो दिन का अल्टीमेटम दिया
-किसानों के संघर्ष में एसकेएम और खापों के प्रधान शामिल हुए
सोनीपत, 11 अप्रैल (हि.स.)। सोनीपत के गांव नाहरा में हुई महापंचायत में हरियाणा, एसकेएम और खाप पंचायतों के प्रतिनिधि किसानों के संघर्ष में शामिल हुए। महापंचायत में गुरुवार को निर्णय हुआ कि नई नीति बनने तक हाईटेंशन लाइन के टावर लगाने का काम बंद रहेगा। किसानों पर लगे केस रद्द करने के लिए सरकार को दो दिन का अल्टीमेटम किसानों ने दिया है।
मामला औचंदी बॉर्डर के उनके खेतों में जबरदस्ती बिजली की हाईटेंशन लाइन बिना मुआवजा दिए निकालने का था। भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के प्रदेश उपाध्यक्ष सत्यवान नरवाल, दिल्ली किसान अधिकार मोर्चा के अध्यक्ष सतेंद्र लोहचब, रवि आजाद, उमेश दहिया सतेंद्र दहिया ब्लाक प्रघान खरखौदा, प्रदीप खत्री राई के अलावा भाकियू की ओर से एसकेएम के चौधरी गौरव टिकैत, विभिन्न संगठनों के नेता, खापों के प्रधान आदि हजारों किसान शामिल रहे।
किसानों की मांग थी कि ने 13 नवंबर 2023 से पंजाब-खोड़ गांव से आवाज उठाई 25 नवंबर 2023 को औचंडी बॉर्डर इस मसले को उठाया तो पुलिस ने 35 लोगों की गिरफ्तार किया था। 14-15 जनवरी 2014 को 52 गिरफ्तारियां हुई। सोनीपत के गांव नाहरा में 30 मार्च 2024 को नाहरा में पंचायत हुई थी जिसमें 16 किसानों के नाम सहित सैकड़ों किसानों के खिलाफ पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर की गई। किसानों पर लगे केस दो दिन में खत्म करने के लिए के सरकार को समय दिया गया है। संघर्षरत किसानों की बात सुनी जाए, पुलिस हस्तक्षेप बंद करे, कंपनी मुआवजा दिए बिना किसी भी तरह से खेतों में जबरन गड्ढे़ खोदने, हाई टेंशन लाइन के टावर ना लगाए। इस पर सोनीपत के बीडीपीओ ने प्रशासन की ओर आकर कंपनी को नई नीति जब नहीं बनती है तब तक काम बंद करने के आदेश दे दिए हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/ नरेंद्र/संजीव