जींद:रेड जोन वाले गांवों में फसल अवशेष शून्य होने पर मिलेगी एक लाख प्रोत्साहन राशि

 


जींद , 9 अक्टूबर (हि.स.)। उपायुक्त मोहम्मद इमरान रजा ने बुधवार को किसानों से आह्वान किया कि फसल अवशेष जलाने से भूमि की उपजाऊ शक्ति के साथ-साथ भूमि की ऊपरी सतह पर उपस्थित लाभदायक जीवाणु नष्ट हो जाते हैं व हानिकारक गैसों का उत्सर्जन होता है। पराली जलाने से भूमि के पोषक तत्वों में नाइट्रोजन, सल्फर, पोटाश व ऑर्गेनिक कार्बन की भी हानि होती है। जिससे पर्यावरण दूषित होता है तथा मानव जीवन विशेषकर बच्चों व बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इन सभी घटनाओं से जिला का क्षेत्र ही नहीं अपितु आसपास 200-250 किलोमीटर का पर्यावरण भी श्वास लेने योग्य नहीं रहता तथा आसपास की हवा की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है जो कि हानिकारक है। उन्होंने कहा कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा फसल अवशेष न जलाने के लिए प्रोत्साहन राशि देने की भी घोषणा की हैं।

13 रेड जोन वाले गांवों में फसल अवशेष शून्य होने पर मिलेगी एक लाख प्रोत्साहन राशि जिला के 13 रेड जोन वाले गांवों में फसल अवशेष को जलाने की घटनाओं को शून्य करने पर संबंधित ग्राम पंचायत को एक लाख रुपये तथा येलो जोन वाले 58 गांवों में ग्राम पंचायत को 50 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। हम सभी को इस दिशा मे सकारात्मक कदम उठाने चाहिए।

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हिन्दुस्थान समाचार / विजेंद्र मराठा