कपास में गुलाबी सुंडी के बढ़ता प्रकोप पर ठोस कदम उठाने से होगा समाधान: कुलपति कम्बोज
हरियाणा, पंजाब, राजस्थान के कृषि वैज्ञानिकों, कृषि अधिकारियों, किसानों एवं निजी बीज कंपनी धारकों ने गुलाबी सुंडी के प्रबंधन बारे किया गहन मंथन
हिसार, 21 मार्च (हि.स.)। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज ने कहा है कि देश के उत्तरी क्षेत्र में लगातार गुलाबी सुंडी का बढ़ता प्रकोप किसानों एवं कृषि वैज्ञानिकों के लिए चिंता का विषय है। इसके समाधान के लिए हमें सामूहिक रूप से एकजुट होकर ठोस कदम उठाने होंगे ताकि किसान को आर्थिक नुकसान से बचाया जा सकें।
कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज गुरुवार को विश्वविद्यालय में हरियाणा, पंजाब, राजस्थान के कृषि क्षेत्र से जुड़े वैज्ञानिक, अधिकारी व निजी बीज कंपनी के प्रतिनिधियों के लिए आयोजित एक दिवसीय सेमिनार को संबोधित कर रहे थे। इस सेमिनार में कपास उगाने वाले 10 जिलों के किसान प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया। कुलपति ने कहा कि पिछले वर्ष गुलाबी सुंडी का प्रकोप ज्यादा रहा था, जिसके नियंत्रण के लिए अंधाधुंध कीटनाशकों का प्रयोग किया गया जो चिंता का विषय है। इस कीट के नियंत्रण के लिए जैविक कीटनाशक एवं अन्य कीट प्रबंधन के उपायों को खोजना होगा तथा हितधारकों के साथ मिलकर सामूहिक प्रयास करने होंगे, तभी किसान को बचाया जा सकता है।
गुलाबी सुंडी के नियंत्रण व प्रबंधन के लिए दिए महत्वपूर्ण सुझाव
बैठक में विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. बलवान सिंह मंडल ने विश्वविद्यालय के सभी कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से गुलाबी सुंडी के प्रबंधन के लिए किए गए कार्यों की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। अनुसंधान निदेशक डॉ. जीतराम शर्मा ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया, जबकि परियोजना निदेशक डॉ. एसके धनखड़ ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। बैठक में मंच संचालन सहायक निदेशक पौध सरंक्षण डॉ. एसएस यादव ने किया।
कपास अनुभाग के प्रभारी डॉ. करमल सिंह ने वर्ष 2023 में हरियाणा प्रांत में नरमा फसल में गुलाबी सुंडी के प्रकोप की स्थिति के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा की। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. सतनाम सिंह एवं राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डॉ. प्रदीप कुमार ने अपने-अपने प्रांत में कपास की स्थिति एवं गुलाबी सुंडी के प्रकोप की जानकारी दी। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, हरियाणा के संयुक्त निदेशक (कपास) आरपी सिहाग ने विभाग द्वारा की गई गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। भारत सरकार के क्षेत्रीय कपास अनुसंधान केंद्र, सिरसा के निदेशक डॉ. ऋषि कुमार ने उत्तर भारत में कपास की समस्याओं व उनके प्रबंधन को लेकर चर्चा की।
हिन्दुस्थान समाचार/राजेश्वर/संजीव