हिसार: विज्ञान में सुधार की गुंजाइश, आदर्शवाद में सुधार की कोई गुंजाइश नहीं: डॉ. सतीश

 


विज्ञान, समाज एवं विज्ञान मानसिकता विषय पर दो दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला शुरू

हिसार, 28 अक्टूबर (हि.स.)। हरियाणा ज्ञान विज्ञान समिति एवं हरियाणा विज्ञान मंच के संयुक्त तत्वाधान में विज्ञान, समाज एवं विज्ञान मानसिकता विषय पर दो दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला की शुरुआत शनिवार को शहर के होली चाइल्ड सीनियर सेकेंडरी स्कूल में हुई। कार्यशाला की अध्यक्षता वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. रणबीर सिंह दहिया और मंच संचालन राज्य कमेटी सदस्य रमेश चंद्र ने किया।

समिति की ओर से जिलाध्यक्ष अनिता शर्मा ने सभी कार्यकर्ताओं, मेहमानों एवं वक्ताओं का स्वागत किया। कार्यशाला का उद्घाटन स्कूल के निदेशक एवं प्रधानाचार्य राजपाल संधू ने किया। उन्होंने अपने स्कूल में वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर कार्यक्रम करने के समिति और विज्ञान मंच लोगों का स्वागत और आभार प्रकट किया। कार्यशाला के प्रथम सत्र में विज्ञान और समाज विषय पर की अध्यक्षता व मुख्य वक्ता डॉ. सतीश कालड़ा ने जल प्रबंधन और कचरा प्रबंधन के लिए ठोस सुझाव दिए। उन्होंने समाज के विकास के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने पर जोर दिया और बताया कि विज्ञान में हमेशा सुधार की गुंजाइश रहती है जबकि आदर्शवाद में सुधार की कोई गुंजाइश नहीं होती।

वीडियो क्लिप के माध्यम से उन्होंने इंग्लेंड, ब्रिटेन व यूरोप आदि देशों की सफाई के हालात पर रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया कि बीमारियों और जीवन की हालातों में आपसी संबंध होता है। दुनिया के विभिन्न देशों और समाज के अनेक क्षेत्रों में गरीबी, भूखमरी, स्वास्थ्य, शिक्षा, महिलाएं, बच्चों व वृद्धों के साथ स्थानीय गांव की समस्याओं में समानता है। ठीक इसी प्रकार कचरा प्रबंधन और जल प्रबंधन समाधान हमने स्थानीय स्तर पर किया जा सकता है। सत्र की अध्यक्षता कर रहे शिक्षाविद प्रो. सुरेंद्र कुमार ने आलोचनात्मक मानसिकता के तीन तत्वों तर्कक्षमता, विश्व दृष्टि और निष्पक्ष भाव से सच्चाई तक पहुंचने की बौद्धिक प्रक्रिया पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जब हम सामाजिक सोच को ठीक नहीं करेंगे तब तक वैज्ञानिक मानसिकता का बढ़ावा नहीं दे सकते।

हिन्दुस्थान समाचार/राजेश्वर/संजीव