जींद: तीज महोत्सव में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने मोहा मन
जींद, 7 अगस्त (हि.स.)। प्राचीन हरियाणवी संस्कृति को फिर से जीवंत करने के चलते बुधवार को प्रदेश सरकार द्वारा तीज पर्व पर जींद में प्रदेश स्तरीय उत्सव का आयोजन किया गया। जिसमे मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी मुख्यअतिथि रहे। इस उत्सव में जहां एक तरफ सौ से भी अधिक पारंपरिक अंदाज की रंग बिरंगी झूल डाली गई वहीं दूसरी ओर तीज के पर्व पर प्राचीन समय में हमारे घरों में किसी समय बनने वाले गुलगुले और सुहाली आदि भी खाने को मिली। इसी बीच हरियाणवी संस्कृति को बचाने में शहर की महिलाएं भी एक तरह से सरकार के प्रयास में संवाहक बन रहे थे और त्योहारों पर पुराने रीति रिवाजों को अपनाकर परंपरा को निभा रहे थे।
उल्लेखनीय है कि कुछ सालों से प्राचीन हरियाणवी संस्कृति एक तरह से लुप्त होती जा रही थी। इसका असर विशेष तौर पर त्योहारों पर देखने को मिलता है। त्योहारों की रौनक गायब सी हो गई है और त्योहारों का रंग फीका पड़ रहा है। इसके साथ.साथ युवा पीढ़ी भी पुराने अमूल्य हमारे रीति रिवाजों से अनजान हो गई है। युवा पीढ़ी को पुराने रीति रिवाजों के महत्व के बारे में अवगत कराने और प्राचीन हरियाणवी संस्कृति को फिर से जीवंत करने के लिए ही हरियाणा सरकार निरंतर प्रयासरत है। इसी कड़ी में सरकार द्वारा तीज पर्व पर बुधवार को प्रदेश स्तरीय महोत्सव का आयोजन किया गया। इस महोत्सव में जहां पारंपरिक 101 झूले डाले गए। जिन पर महिलाएं झूला झूलीए वहीं तीज पर घरों में बनने वाले गुलगुले, पुड़े और सुहाली भी बनीए जिनका स्वाद चखने को मिला।
महोत्सव में तीज के गीतों पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम देखे गए। जिसमे हमारी ग्रामीण महिलाओं द्वारा कंठी, तगड़ी, छलकड़े, न्योरी, बटूआ जैसे पारंपरिक आभूषण पहन कर एक झुंड बना कर सावन माह के लोकगीत गाए गए और इन गीतों पर महोत्सव में पंहुची महिलाओं द्वारा प्राचीन परिधान 52 कलियों का दामन, कुर्ता, चुंदडी पहन कर लोकनृत्य किया गया। सभी रंग बिरंगे झूलो को फूलों से सजाया गया था। जिन पर झूल कर महिलाओं ने तीज के इस पावन महोत्सव का आनंद उठाया। प्राचीन कहावतों के अनुसार तीज का त्यौहार बिना झूल पर झूले अधूरा माना जाता है। इसलिए मुख्यमंत्री ायब सिंह द्वारा प्रदेशभर की महिलाओं के लिए इस पावन तीज के त्यौहार पर ऐसा माहौल तैयार करवाया गया। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री द्वारा महोत्सव में भाग लेने वाली सभी महिलाओं के प्रति अपना भ्रातप्रेम दर्शाते हुए करीब 30 हजार कोथलियों का भेंट स्वरूप आबंटन किया।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजेंद्र मराठा / SANJEEV SHARMA