सोनीपत: आस्था व विश्वास की शक्ति नैया को पार कराती है: महंत राजेश स्वरुप
-शिव पार्वती कथा पर प्रस्तुत की गई झांकियां आकर्षण का केंद्र बनी
- व्यास पवन देव चतुर्वेदी बोले गृहस्थ में प्रेम, सामर्थ्य, समर्पण, और सतीत्व का महत्व है
सोनीपत, 3 मार्च (हि.स.)। सिद्धपीठ सतकुंभा धाम तीर्थ के पीठाधीश्वर श्रीमहंत राजेश स्वरूप जी महाराज ने रविवार को कहा कि आस्था प्रेम और विश्वास की शक्ति जीवन की नैया करवाती है। यह बात उन्होंने सात दिवसीय सतकुंभा उत्सव के दूसरे दिन अपने संबोधन में कही।
पीठाधीश्वर राजेश स्वरुप महाराज ने कहा कि सनातन शिक्षाओं को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास है। उतराखंड से आए वेदपाठियों ने मंत्रोच्चारण कर वातावरण पावन और पवित्र किया है। वृदावन से आए आचार्य व्यास पवन देव चतुर्वेदी की टीम ने शिव पावर्ती प्रसंग को प्रस्तुत किया, यहां पर हरियाणा के अलावा, उत्तराखंड, दिल्ली, चंडीगढ, उत्तर प्रदेश प्रभु भक्तों की उपस्थिति श्रीराम की कृपा का हमें पात्र बना रही है। डा. कांता शर्मा, एडवोकेट शिवेंदु भारद्वाज, अंशु शर्मा के साथ सैकड़ों प्रभु भक्तों ने शिव स्तोत्र महायज्ञ में में आहुति डाली। सतकुंभा उत्सव में गन्नौर, खरखौदा, गोहाना, खेड़ी गुज्जर, अहीर माजरा, बििलंदपुर आदि से हजारों भक्तों की उपस्थित रही।
आचार्य व्यास पवन देव चतुर्वेदी जी महाराज ने कहा कि शिव पार्वती के विवाह की हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण कथा प्रचलित है। कथा के अनुसार, पार्वती ने अपने तपस्या और तप के बल पर भगवान शिव को प्राप्त किया। पार्वती ने बहुत लंबे समय तक तपस्या की थी और उन्होंने अपनी साधना से भगवान शिव को प्रसन्न किया। शिव ने पार्वती का विवाह स्वीकार किया। इस विवाह के बाद, उन्होंने अनेक पुत्रों को जन्म दिया, जिनमें गणेश और कार्तिकेय शामिल हैं। शिव पार्वती प्रसंग के दौरान दिव्य संदेश में कहा कि यह कथा प्रेम, सामर्थ्य, समर्पण, और सतीत्व का महत्व बताती है। आचार्य व्यास के साथ में आचार्य जितेंद्र कृष्णम, पाठाचार्य बाबुलनाथ चतुर्वेदी, उपाचार्य अमन पांडेय। संगीत देने वालों में साजिंदे सुनील नागर, उत्तम शर्मा, राम प्रसाद शर्मा रहे। जबकि राम अवतार शर्मा, आकाश शर्मा ने शिव पार्वती की झांकियां प्रस्तुत कर दर्शकों का मन मोह लिया।
हिन्दुस्थान समाचार/ नरेंद्र/संजीव