हिसार: तलवंडी राणा रोड को पुराने रोड से जोडक़र फिर से पहले जैसी स्थिति पैदा कर रही सरकार: कोहली

 


पुराना रोड एयरपोर्ट की सीमा में एयरपोर्ट ऑथोरिटी कभी पहले की तरह तुड़वा सकती है रोड

हिसार, 2 दिसंबर (हि.स.)। सरकार तलवंडी राणा रोड को पुराने अस्थायी सडक़ मार्ग से जोडक़र फिर से पहले जैसी स्थिति उत्पन्न करने जा रही है। सरकार द्वारा प्रस्तावित 5.4 में से 2.6 किमी रोड पर कार्यवाही शुरू कर दी गई है। इस रोड को फाइनल मंजूरी मिलने की बातें की जा रही है लेकिन अभी तक केंद्र से मंजूरी नहीं मिली है। यह बात चंडीगढ़ बाइपास पर गांव तलवंडी राणा में तलवंडी राणा रोड बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष एडवोकेट ओपी कोहली ने शनिवार को धरने को संबोधित करते हुए कही।

उन्होंने कहा कि सरकार इस 2.6 किमी सडक़ मार्ग को पुराने मांर्ग से जोडक़र खानापूर्ति करना चाह रही है, जबकि सडक़ का 2.6 किमी का दूसरा भाग एयरपोर्ट के बाहरी छोर के साथ से बनना है। इस रोड को पुराने रोड से जोड़ देने से पहले जैसी स्थिति बन जाएगी क्योंकि यह रोड एयरपोर्ट की सीमा में आया हुआ है और इसे एयरपोर्ट की पट्टी बढ़ते ही फिर से तोड़ दिया जाएगा। इससे साफ जाहिर है कि ग्रामीणों को सडक़ देने के नाम पर सरकार औपचारिकता पूरी कर रही है जबकि सरकार को रोड का बाकी बचा हुआ 2.6 किमी का टुकड़ा बनवाकर इसका स्थायी समाधान करना चाहिए।

कोहली ने बताया कि ग्रामीणों के धरने को 300 दिन पूरे हो चुके हैं बावजूद इसके अभी तक रोड बनाने की प्रक्रिया तक शुरू नहीं हो पाई है। धरने पर ग्रामीणों ने नाराजगी व रोष जताते हुए कहा कि मिर्जापुर जनसभा में स्वयं मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों के समक्ष एक माह में रोड बनवाने की घोषणा की थी लेकिन उन बातों को तीन माह से भी अधिक समय बीत चुका है और रोड की स्थिति जस की तस है। धरने की अध्यक्षता कर रहे एडवोकेट ओपी कोहली ने बताया कि जब शुरू में यह रोड बंद किया गया था तो ग्रामीणों ने 34 दिनों तक धरना दिया था उस समय उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने आश्वासन दिया था और विधायक जोगीराम ने धरना समाप्त करवाया था और अस्थायी सडक़ मार्ग ग्रामीणों को दिया गया था लेकिन यह रोड हवाई पट्टी में आ गया जिसके चलते सरकार ने रातों-रात उखाड़ कर इस रोड को ग्रामीणों से छीन लिया। उन्होंने कहा कि धरने पर बैठे ग्रामीणों में अब लगातार सरकार के प्रति नाराजगी व गुस्सा बढ़ता जा रहा है यदि जल्द ही रोड बनाने का कार्य शुरू नहीं होता तो सरकार व प्रशासन को ग्रामीणों के कोप का भाजन बनना पड़ेगा। धरने पर लगातार काफी संख्या में ग्रामीण, महिलाएं, पुरुष, बुजुर्ग, युवा अपना समर्थन देने पहुंच रहे हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/राजेश्वर/संजीव