जींद: 72 घंटे के बाद नहर में तैरता मिला शुभम का शव
जींद, 18 जून (हि.स.)। सफीदों की हांसी ब्रांच नहर में नहाते समय डूबे युवक शुभम का 72 घंटे के बाद मंगलवार को सफीदों से 10 किलोमीटर दूर गांव छाप्पर के पास नहर में तैरता हुआ मिला। सूचना पाकर सिटी पुलिस व परिजन मौके पर पहुंचे। परिजनों ने मौके पर जाकर शव की शिनाख्त की। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर नगर के नागरिक अस्पताल में रखवाया।
गौरतलब है कि आदर्श कालोनी सफीदों निवासी शुभम उर्फ बच्ची (28) रविवार को नहर में नहाने के लिए कूद गया और कुछ ही देर में पानी के आगोश में समा गया। शुभम गाडिय़ों के साथ काम पर जाया करता था। सुबह को वह घर से यह कह कर गया था कि वह गाड़ी के साथ सरहिंद जा रहा है लेकिन वह गाड़ी पर जाने की बजाए नहर पर नहाने के लिए पहुंच गया। काफी खोजबीन के बाद भी शुभम कहीं पर भी नहीं मिला। पीछे से नहर में पानी कम करवा कर स्थानीय लोगों सहित फेमस गोताखोर परगट सिंह ने करनाल से पहुंचकर नहर में बड़ा सर्च अभियान चलाया था लेकिन शुभम का कुछ भी अतापता नहीं चल पाया था। मंगलवार सुबह गांव छाप्पर के नजदीक से कोई राहगीर नहर की पटरी-पटरी आ रहा था और उसने देखा कि नहर में एक लाश तैरती हुई जा रही है। रास्ते में उसको शुभम के परिजन मिल गए और उसने इसकी जानकारी उनको दी। परिजन भी राहगीर द्वारा बताए गए स्थान पर पहुंचे।
मामले की सूचना सफीदों पुलिस को दी गई। सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को नहर से बाहर निकलवाया। शव बाहर निकालने के बाद परिजनों ने उसकी शिनाख्त कर ली। अपने बेटे का शव देखकर उसके माता-पिता व अन्य रिश्तेदारों का रो-रोकर बुरा हाल था। इस मौके पर काफी तादाद में गांव छाप्पर के ग्रामीण व महिलाएं जुट गई थी। ग्रामीणों ने माता-पिता व रिश्तेदारों को ढांढस बंधाया।
जब गोताखोरों से बात की तो उन्होंने 10 हजार रुपये की डिमांड की, लेकिन गरीब होने के कारण उनके पास गोताखोर बुलाने के लिए पैसे नहीं थे। उसके बाद उनके किसी रिश्तेदार ने करनाल से गोताखोर प्रगट सिंह को बुलाया। प्रगट सिंह ने उनसे मात्र आने-जाने का खर्चा लिया। वह नहरी विभाग के अधिकारियों के पास भी गया, लेकिन कोई तत्काल कार्रवाई नहीं हुई। बहुत विलंब के बाद पीछे से पानी कम हुआ।
हिन्दुस्थान समाचार/ विजेंद्र/संजीव