हिसार : इंजीनियरिंग व मैनेजमेंट कार्यक्रमों के लिए लागू हाेगा एनईपी-2020 फ्रेमवर्क
गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय में ‘एआईसीटीई अनुमोदित कार्यक्रमों के लिए एनईपी-2020 के क्रियान्वयन’ विषय पर कार्यशाला आयोजित
हिसार, 19 दिसंबर (हि.स.)। यहां के गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
विश्वविद्यालय में एआईसीटीई से अनुमोदित कार्यक्रमों के संकाय सदस्यों के लिए सीआरएस
सभागार के सेमिनार हॉल-2 में ‘एआईसीटीई अनुमोदित कार्यक्रमों के लिए एनईपी-2020 के
क्रियान्वयन’ विषय पर एक दिवसीय
कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्देश्य एआईसीटीई से अनुमोदित कार्यक्रमों
में एनईपी-2020 के क्रियान्वयन के बारे में जागरूकता पैदा करना और शैक्षणिक स्पष्टता
प्रदान करना रहा। कार्यशाला का आयोजन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई
के मार्गदर्शन में किया गया।
कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने विश्वविद्यालय में संचालित इंजीनियरिंग एवं
मैनेजमेंट कार्यक्रमों के लिए शैक्षणिक सत्र 2026-27 से एनईपी-2020 फ्रेमवर्क लागू
करने का फैसला किया है। अन्य कार्यक्रमों के लिए एनईपी-2020 फ्रेमवर्क पहले ही सफलतापूर्वक
लागू किया जा चुका है। इंदिरा गांधी दिल्ली तकनीकी महिला विश्वविद्यालय, दिल्ली के
शैक्षणिक मामलों के अधिष्ठाता प्रो. अरुण कुमार कार्यशाला में मुख्य विशेषज्ञ वक्ता
के रूप में उपस्थित रहे। आयोजन समिति में शैक्षणिक
मामलों के अधिष्ठाता प्रो. योगेश चाबा, एफईटी के अधिष्ठाता प्रो. संदीप आर्य, एचएसबी
के अधिष्ठाता प्रो. विनोद कुमार बिश्नोई, एआईसीटीई एनईपी-2020 के नोडल अधिकारी प्रो.
दीपक केडिया तथा एनईपी-2020 की उप नोडल अधिकारी डा. रितु बूरा शामिल हैं।
मुख्य विशेषज्ञ वक्ता प्रो. अरुण कुमार ने शुक्रवार काे अपने व्याख्यान में एनईपी-2020 की
मुख्य विशेषताओं पर प्रकाश डाला, जिसमें आउटकम-बेस्ड एजुकेशन, मल्टीडिसीप्लिनरी लर्निंग,
एकेडमिक फ्लेक्सिबिलिटी, क्रेडिट ट्रांसफर मैकेनिज्म और एआईसीटीई/यूजीसी के निर्देशों
के अनुसार पाठ्यक्रम पुनर्गठन पर फोकस किया। उन्होंने संस्थानिक स्तर पर पॉलिसी के
प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने में शिक्षकों की भूमिका पर भी जोर दिया। मुख्य
विशेषज्ञ वक्ता ने एनईपी-2020 आधारित सिलेबस तैयार करने में शामिल संकाय सदस्यों के
साथ संवाद भी किया। संकाय सदस्यों तथा शैक्षणिक
प्रशासकों ने कार्यशाला में सक्रिय रूप से भाग लिया।
एफईटी अधिष्ठाता प्रो. संदीप आर्य ने भी कार्यशाला को संबोधित किया तथा संकाय
सदस्यों को एनईपी-2020 आधारित सिलेबस तैयार करने में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने
के लिए प्रेरित किया। एआईसीटीई एनईपी-2020 के नोडल अधिकारी प्रो. दीपक केडिया ने अपने
स्वागत संबोधन में पॉलिसी विजन और जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन के बीच के अंतर को पाटकर
एनईपी-2020 फ्रेमवर्क के सफल क्रियान्वयन के लिए इस तरह की जागरूकता कार्यशालाएं आयोजित
करने के महत्व पर प्रकाश डाला।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर