झज्जर: शिव व सनातन धर्म को अपनी ताकत मानते हैं शिवांश

 


झज्जर, 4 नवंबर (हि.स.)। संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा-2023 में सफलता प्राप्त करने वाले बहादुरगढ़ निवासी शिवांश राठी न केवल सनातन धर्म को अपनी ताकत मानते हैं, बल्कि इस परीक्षा में सफलता का श्रेय अपने परिजनों व भगवान शंकर की भक्ति को देते हैं। आयोग ने सिविल सेवा परीक्षा-2023 की आरक्षित सूची का परिणाम गत बुधवार को घोषित किया है।

मूल रूप से जिला के गांव खरहर के निवासी शिवांश बहादुरगढ़ के सेक्टर-6 में अपने माता पिता और बहन के साथ रहते हैं। शिवांश के पिता रविन्द्र राठी प्रॉपर्टी का व्यवसाय करते हैं और मां डॉ. सुदेश राजकीय कन्या महाविद्यालय में शिक्षक हैं। शिवांश ने स्कूली शिक्षा बहादुरगढ़ के एक निजी स्कूल से की है। 12वीं कक्षा में स्कूल टॉप किया और स्नातक में कॉलेज टॉप किया है। दिल्ली के हंसराज कॉलेज से बीए अंग्रेजी ऑनर्स की पढ़ाई की। स्नातक पाठ्यक्रम के सभी छह सेमेस्टर में कॉलेज टॉपर रहे।

उनके दादा कंवल सिंह राठी सेना से रिटायर्ड हैं और शिवांश को हमेशा देश सेवा के लिए प्रेरित करते रहे हैं। ताऊ विरेन्द्र राठी आईआरएस रहे हैं और चाचा जितेन्द्र महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक में प्रोफेसर हैं। मामा पंजाब कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। दादा, ताऊ, चाचा, माता-पिता व मामा के सफल जीवन की तरह आईएएस में जाने का सपना शिवांश ने भी संजोया था।

शिवांश ने बताया कि वह अपनी छोटी बहन शिवांगी के साथ मिलकर यूपीएससी की तैयारी करता था। उसने कोई कोचिंग नहीं ली। केवल स्वाध्याय से ही हर जरूरी प्रश्न पर फोकस किया। हर रोज 13 से 14 घंटे पढ़ाई करता था। पढ़ाई के बीच रिलेक्स होने के लिए शिव भजन सुनता था और परिजनों के साथ बैठकर बातें भी करता था। उन्हें संगीत सुनना पसंद हैं।

शिवांश ने बताया कि गीता से उसने बहुत कुछ सीखा, गीता का 10वां अध्याय उसको कंठस्थ है। शिव तांडव स्तोत्रम का नित्य पाठ करता है। छोटी बहन शिवांगी भी यूपीएससी की तैयारी कर रही है। शिवांश अब रैंक सुधारने के लिए यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी में फिर जुट गया है।

हिन्दुस्थान समाचार/ शील/सुमन